सांकेतिक तस्वीर।
अली अब्बास, आगरा। दिल्ली धमाके के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियाें ने मतांतरण गिरोह के सदस्यों से जुड़े लोगों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। मुख्य रूप से आगरा के रहने वाले रहमान कुरैशी से जुड़े लोगों के बारे में विस्तृत छानबीन कर रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रहमान कुरैशी द्वारा यूट्यूब चैनल द सुन्ना चलाया जा रहा था। रहमान ने विदेश से भी फंड जुटाया था। छानबीन में गिरोह द्वारा आगरा समेत अन्य शहरों में स्लीपिंग माड्यूल बनाने की बात सामने आई थी।
जिसे देखते हुए खुफिया एजेंसियां रहमान समेत गिरोह से जु़डे अन्य सदस्यों को देख रही हैं।
सदर से इस वर्ष 24 मार्च को गायब दो बेटियों को पुलिस ने 18 जुलाई को कोलकाता के मुस्लिम बाहुल्य तपसिया क्षेत्र से बरामद किया था।
बेटियों का अवैध मतांतरण कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 14 लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरोह का सरगना दिल्ली के मुस्तफाबाद का रहने वाला अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह था।
पुलिस ने अब्दुल रहमान के अलावा गोवा की आयशा उर्फ एसबी कृष्णा, रहमान कुरैशी, हसन अली उर्फ शेखर राय एवं मोहम्मद अली उर्फ पीयूष पंवार समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया था।
मौलाना कलीम सिद्दीकि के जेल जाने के बाद अवैध मतांतरण गिराेह की कमान अब्दुल रहमान के हाथ में थी। शाहगंज के सराय ख्वाजा का रहने वाला गिरोह का सदस्य रहमान कुरैशी यूट्यूब पर द सुन्ना चैनल चला रहा था।
उसके चैनल के 1.56 लाख फालोअर थे। उसने चैनल पर पॉडकास्ट के साथ 1500 से अधिक वीडियो पोस्ट किए थे। वह मतांतरण करने वाली युवतियों के वीडियो पोस्ट करके अन्य को जाल में फंसाता था।
जूते के स्टिकर बनाने वाले बारहवीं फेल रहमान के लैपटाप और मोबाइलज की जांच से पुलिस को कई साक्ष्य मिले थे।रहमान द्वारा अपने यूट्यूब चैनल पर कई भडकाऊ वीडियो पोस्ट किए गए थे।
दिल्ली धमाके के बाद खुफिया एजेंसियोंं और पुलिस ने रहमान कुरैशी से जुड़े लोगों के बारे में छानबीन कर रही हैं। आशंका है कि उसके संपर्क में मतांतरण के लिए आए लोग स्लीपिंग माड्यूल भी हो सकते हैं।
डीसीपी सिटी सैयद अली अब्बास ने बताया कि मतांतरण गिरोह के सदस्यों से जुड़े लोगों के बारे छानबीन की जा रही है।
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