जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने आईआरसीटीसी घोटाला मामले में पूर्व रेल मंत्री और लालू प्रसाद यादव व उनकी पत्नी राबड़ी देवी की दिन-प्रतिदिन ट्रायल के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि उनकी मांग न्यायोचित नहीं है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अदालत ने यह भी बताया कि संविधानिक अदालतों ने संसद और विधानसभा सदस्यों के खिलाफ मामलों को तेजी से निपटाने, स्थगन से बचने और साक्ष्य रिकार्ड करने के लिए दिन-प्रतिदिन ट्रायल की सिफारिश की है।
वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने तर्क दिया कि लालू परिवार के खिलाफ अदालत में कुल चार आपराधिक मामले लंबित हैं और सभी मामलों में दिन-प्रतिदिन ट्रायल आदेशित हैं। उन्होंने चार सप्ताह की मोहलत की मांग की ताकि 18 हजार पन्नों के आरोपपत्र और लगभग 250 पन्नों के आरोप तय करने के आदेश को पढ़ा जा सके।
सीबीआई की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने इस मांग का विरोध किया और तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, सांसद और विधायक के खिलाफ मामले तेजी से निपटाने चाहिए। आईआरसीटीसी मामले में सीबीआई का आरोप है कि लालू यादव और उनके परिवार ने रेल मंत्री के पद पर रहते हुए निजी कंपनी को ठेका देने के बदले में भूमि और शेयर स्वीकार किए।
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