आलू में दिखें हरा रंग या अंकुर, तो तुरंत कर दें किचन से बाहर, इन्हें खाने की गलती पहुंचा सकती है अस्पताल

deltin33 2025-11-12 01:09:06 views 1141
  

अंकुरित आलू है सेहत के लिए खतरा, जानिए क्यों हैं हानिकारक (Picture Credit- Freepik)



लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आलू एक ऐसी सब्जी है, जो लगभग हर भारतीय किचन में पाया जाता है। इसे सब्जियों का राजा कहा जाता है, क्योंकि इसे लगभग हर सब्जी के साथ बनाया जा सकता है। साथ ही इससे कई ऐसे व्यंजन भी बनाए जाते हैं, लोग दुनियाभर में काफी पसंद किए जाते हैं। इनमें फ्रेंच फ्राइज, स्पाइरल पोटैटो, चीज बॉल्स आदि शामिल हैं।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

यह कई लोगों की पसंदीदा सब्जी भी होती है और स्वाद के साथ-साथ यह सेहत के लिए भी फायदेमंद मानी जाती है। इसे डाइट में शामिल करने से सेहत को कई सारे फायदे मिलते हैं। हालांकि, कुछ खास तरह के आलू आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं अंकुरित आलू की, जिसे खाने से सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है। आमतौर पर अंकुरित चीजें सेहत के लिए फायदेमंद मानी जाती है, फिर आलू का अंकुरित होना हानिकारक कैसे हैं। आइए जानते हैं इस आर्टिकल में-  
क्यों हानिकारक है अंकुरित आलू?

दरअसल, अंकुरित आलू में  सोलनिन और चाकोनिन नाम के दो ग्लाइकोएल्केलॉइड कंपाउंड पाए जाते हैं, जो कम मात्रा में लेने पर कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।  

हालांकि, ये दोनों कंपाउंड बहुत ज्यादा मात्रा में लेने पर आपके सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं। ग्लाइकोएल्केलॉइड का ज्यादा सेवन उल्टी, दस्त, पेट दर्द, सिरदर्द, बुखार, तेज नाड़ी, लो ब्लड प्रेशर और अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
क्यों नहीं खाना चाहिए अंकुरित आलू?

  • टॉक्सिकसिटी: अंकुरित आलू में पाए जाने वाले ग्लाइकोएल्केलॉइड्स हमारे के लिए टॉक्सिक होते हैं, जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और नर्वस सिस्टम संबंधी विकार हो सकते हैं। मतली, सिरदर्द, पेट में ऐंठन, दस्त, उल्टी और अन्य गंभीर समस्याएं ग्लाइकोएल्केलॉइड टॉक्सिसिटी के कुछ लक्षण हैं।  
  • कड़वा स्वाद: ग्लाइकोएल्केलॉइड्स की बढ़ी हुई मात्रा के कारण, अंकुरित आलू का स्वाद कड़वा हो सकता है, जिससे इन्हें खाना मुश्किल हो सकता है।  
  • पोषण मूल्य में कमी: अंकुरित होने की वजह से आलू में मौजूद पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं, जिससे उनकी न्यूट्रिशनल वैल्यू कम हो जाती है।

क्या करें?

ऊपर दी गई जानकारी से यह तो साफ है कि अंकुरित आलू हर लिहाज से सेहत के लिए हानिकारक है। ऐसे में बेहतर यही है कि अंकुरित या हरे हो चुके आलू को फेंक देना है। अगर आप अंकुरित आलू की टॉक्सिसिटी कम करना चाहते हैं, तो इन्हें अंकुरित होने से बचाना ही बेहतर उपाय है।  

इसके लिए आपको बस यह ध्यान रखना होगा कि आलू बस उतना ही खरीदना चाहिए, जो एक या दो हफ्ते तक चल सके और उन्हें ठंडी, अंधेरी और सूखी जगह पर रखें। साथ ही इन्हें खरीदने के कुछ दिनों के अंदर या तुरंत पकाना ही बेहतर है। यह भी पढ़ें-  
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