बिहार चुनाव का एग्जिट पोल
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Exit Polls Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण की वोटिंग शाम 6:30 बजे समाप्त हो गई। रिकॉर्ड 67.14 प्रतिशत मतदान के बीच सभी की नजरें अब एग्जिट पोल पर टिकी हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हालांकि, बिहार में एग्जिट पोल के नतीजे कई बार गलत साबित हुए हैं। पिछले दो विधासभा चुनावों(2015 और 2020) में ये भविष्यवाणियां पूरी तरह फेल साबित हुईं।
राजनतिक विशेषज्ञों का मानना है कि प्रवासी वोटर, जातिगत समीकरण, साइलेंट वोटर और महिला मतदाताओं की भूमिका जैसे कारक पोलस्टर्स के लिए चुनौती बने रहते हैं। इस बार भी अनुमान एनडीए के फेवर में दिख रहा है।
रिकॉर्ड टर्नआउट, बदलाव की आस
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक पहले चरण में 65.08 प्रतिशत और दूसरे चरण में 67.14 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
महिलाओं और युवाओं का उत्साह खासा रहा, जो बदलाव की नई लहर को दर्शाता है। मतदान के बाद एग्जिट पोल एजेंसियां मतदाताओं से फीडबैक लेंगी, लेकिन 14 नवंबर को होने वाली मतगणना ही अंतिम सत्य साबित होगी।
कुल 243 सीटों पर सत्ता का फैसला होगा, जहां एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर है। जन सुराज जैसी नई ताकतें भी मैदान में हैं। महिलाएं जहां नीतीश के फेवर में दिखी, वहीं युवा तेतस्वी से आकर्षित दिख रहे थे।
2015 में महागठबंधन की लहर को कम आंका गया
2015 के विधानसभा चुनाव में एग्जिट पोल ने महागठबंधन (आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस) की भारी जीत को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया।
छह प्रमुख एग्जिट पोल के औसत ने महागठबंधन को केवल 122-123 सीटें दीं, जबकि एनडीए को 114। लेकिन नतीजों ने सबको चौंका दिया।
महागठबंधन ने 178 सीटें जीत लीं, जबकि एनडीए को महज 58 मिलीं। तीन पोलिंग एजेंसियों ने महागठबंधन की जीत का सही अनुमान लगाया, लेकिन दो ने एनडीए को फायदा बताया और एक ने हंग असेंबली की भविष्यवाणी की।
कुल मिलाकर पोल ने महागठबंधन को 55 सीटें कम और एनडीए को 56 ज्यादा आंकीं। यह गलती मुख्य रूप से साइलेंट वोटर और जातिगत गठजोड़ को न समझ पाने की वजह से हुई। सामाजिक न्याय का मंत्र दिया, जो पोलस्टर्स की समझ से परे रहा।
2020 महागठबंधन की जीत, बनी एनडीए की सत्ता
2020 में स्थिति उलट थी। 11 प्रमुख एग्जिट पोल ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को हल्की बढ़त दी। औसतन 125 सीटें (बहुमत के ठीक ऊपर), जबकि एनडीए को 108 दिया गया।
एक प्रतिष्ठित एजेंसी ने हंग असेंबली का अनुमान लगाया। एनडीए 116, महागठबंधन 120 सीट। लेकिन नतीजे उलटे आए।
एनडीए ने 125 सीटें हासिल कर सरकार बनाई, जबकि महागठबंधन को 110 मिलीं। एलजेपी जैसी पार्टियां स्वतंत्र लड़ीं, जो समीकरण बदल दिया।
आज शाम जारी होने वाले एग्जिट पोल में एनडीए को बहुमत मिलने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन विपक्ष इसे खारिज करने को तैयार है। प्री-पोल सर्वे में भी एनडीए मजबूत दिखा।
राजनीतिक विश्लेषक ओमप्रकाश अश्क कहते हैं, बिहार का वोटर चुपके से फैसला करता है। यहां जिन्न निकलने का इतिहास रहा है। 14 नवंबर का इंतजार ही असली सस्पेंस है।
नीतीश कुमार सत्ता बरकरार रखेंगे या तेजस्वी यादव इतिहास रचेंगे? प्रवासी मजदूरों का अंतिम समय में झुकाव और महिला वोटरों की चुप्पी ने पोल को गुमराह किया। अनुमान में जदयू सबसे बड़ी पार्टी होगी।
बिहार की राजनीति में जाति, कानून-व्यवस्था और विकास के मुद्दे हमेशा अप्रत्याशित मोड़ लाते हैं। |