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रायबरेली में हजारों लोगों को जगी आस, अब नाव नहीं... पीपा पुल से आ-जा सकेंगे दो गांवों के लोग

cy520520 2025-11-11 20:07:19 views 688

  



जागरण संवाददाता, रायबरेली। डीह के कचनावां ग्राम पंचायत के दो पुरवे ऐसे भी हैं, जिनमें आने जाने का काेई मार्ग नहीं है। इन गांवों के लोगों को नइया नाला पार करके ही नाव से आना जाना पड़ता है।

बच्चों को स्कूल जाना हो या फिर कोई बीमार हो जाए, सभी को नाव के सहारे ही नदी पार कराई जाती है। नदी तक आने के लिए भी कोई मार्ग नहीं, किसानों के खेतों से होकर आना जाना पड़ता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

निजाम बदलता गया, लेकिन किसी ने इस समस्या को दूर कराने का कोई प्रयास नहीं किया। अब विधायक के प्रयास के बाद प्रस्ताव को स्वीकृति मिली है, जल्द ही नदी पर पीपा पुल बनने के आसार बन रहे हैं।

डीह विकास खंड के दक्षिणी किनारे पर सई नदी के पास बसी ग्राम पंचायत कचनावां में लगने वाले दो गांव पूरे पासी व पूरे गोडिया हैं। ये दोनों गांव महराजगंज ड्रेन व सई नदी के बीच स्थित हैं। इन दोनों गांवों में करीब 90 परिवार निवास करते हैं और इनकी आबादी करीब तीन सौ होगी।

इन गांवों के करीब 70 विद्यार्थी पढ़ने के लिए स्कूल जाते हैं। इन दोनों के लोगों के आने जाने के लिए कोई सीधा मार्ग नहीं है। आवागमन के लिए खेतों से होते हुए 200 मीटर चलने के बाद महराजगंज ड्रेन (नइया नाला) के पास पहुंचते हैं। वहां से नाव के जरिए नदी पार करके कचनावां गांव स्थित स्कूल को आते जाते हैं। इन गांवों के लोग नाव के सहारे ही आना जाना करते हैं।

इन गांवों के लोगों के लिए खेती ही आमदनी का जरिया है। नदी का किनारा होने के कारण यहां के लोग सब्जी की खेती करते हैं। नाव के सहारे ही आसपास की बाजारों में ले जाकर बेचते हैं।

मेवालाल, रोहित, बाबूलाल, देशराज, दीनानाथ, शिवकरन ने बताया कि गांव में हर सुबह उठकर पढ़ने वाले बच्चों को नदी किनारे छोड़ने और वहां से लाने की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है।

हर समय डर बना रहता है। हर दिन नाविक को रुपये या फिर अनाज देना पड़ता है। कई परिवार तो साल भर का एक साथ अनाज देते हैं। सबसे बड़ी दिक्कत तो तब होती जब कोई रात में में बीमार हो जाता है तो नाविक को बुलाकर नदी पार करके आना मजबूरी है।
गर्मी के दिनों में करते बेटे बेटी की शादी

सबसे बड़ी दिक्कत तो तब होती है जब इन गांवों के लोगों को बेटे बेटी की शादी करनी होती है। यहां के लोग गर्मी में ही शादी करते हैं। उस समय खेत खाली रहते हैं। खेतों से होते हुए गांव तक रास्ता बना लेते हैं। उसी से बारात आती जाती है।


महराजगंज ड्रेन पर पीपा पुल बनवाने के लिए प्रस्ताव दिया था। जिसे स्वीकार कर लिया गया है। जल्द ही ड्रेन पर पीपे के पुल का निर्माण शुरू हो जाएगा।
अशोक कुमार, विधायक सलोन
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