लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। पांच सौ वर्षों के संघर्षों की परिणति के रूप में भव्य राम मंदिर का भूमि पूजन कर करोड़ों सनातनियों की आस्था के अवलंब रामलला को प्रतिष्ठित करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फिर रामनगरी आ रहे हैं। वह इस बार न केवल मंदिर निर्माण की पूर्णता का शंखनाद करेंगे, अपितु राम मंदिर के शिखर पर सनातन पताका भी फहराएंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रधानमंत्री 25 नवंबर को चौथी बार राम मंदिर पहुंचेंगे। वह दर्शन-पूजन के साथ रामलला व राजा राम की आरती भी करेंगे। सबसे पहले वह भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त बजरंग बली का आशीर्वाद लेने हनुमानगढ़ी जाएंगे। ध्वजा का आरोहण व दर्शन करने के उपरांत वह मंदिर निर्माण के कुछ शिल्पियों से संवाद भी करेंगे।
प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी वैसे तो छठवीं बार अयोध्या आएंगे, परंतु दो बार वह राम मंदिर नहीं गए थे। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के उपरांत वह पहली बार रामनगरी तब पहुंचे थे, जब लंबी अदालती लड़ाई के उपरांत सर्वोच्च न्यायालय ने जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के पक्ष में अपना निर्णय पारित किया था। पांच अगस्त 2020 को उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था।
राम मंदिर को आकार मिल ही रहा था कि इसी बीच उनका दूसरी बार आगमन छठवें दीपोत्सव में 23 अक्टूबर 2022 को हुआ। वह रामजन्मभूमि परिसर पहुंचे थे और वैकल्पिक गर्भगृह में जाकर उन्होंने रामलला का दर्शन-पूजन कर मंदिर निर्माण की जानकारी भी ली थी।
इसके बाद पीएम मोदी तीसरी बार अयोध्या अवश्य आए, परंतु महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट का उद्घाटन कर चले गए। चौथी बार 22 जनवरी 2024 को जब वह रामनगरी पहुंचे तो उन्होंने जन्मभूमि पर निर्मित हो चुके भव्य राम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की।
पांचवीं बार मोदी लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे और रोड शो भी किया, परंतु राम मंदिर नहीं जा सके थे। छठवीं बार वह 25 नवंबर को फिर अयोध्या आ रहे हैं, तो इस बार उनका रामजन्मभूमि परिसर में वृहद कार्यक्रम संयोजित किया गया है।
राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष व पूर्व आइएएस नृपेंद्र मिश्र ने कहाकि प्रधानमंत्री का रामलला के साथ राम दरबार की आरती में भी सम्मिलित होने का कार्यक्रम नियत है।
उसी के अनुसार समस्त रूपरेखा तय की जा रही है। शीघ्र ही इसे ट्रस्ट की ओर से पीएमओ भेजा जाएगा, तो कार्यक्रम फाइनल हो जाएंगे। वह परिसर में लगभग तीन घंटे रहेंगे, इसलिए उसी अनुरूप रूपरेखा तय की जाएगी। |