सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, आगरा। जहां स्त्रियों की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं और जहां स्त्रियों की पूजा और सम्मान नहीं होता है वहां किए अच्छे कर्म भी निष्फल हो जाते हैं, लेकिन यह श्लोक अब ग्रंथों में ही सीमित रह गया है। वास्तविकता यह है कि महिलाओं को अब सुरक्षा का मूल अधिकार भी मिलना मुश्किल हो रहा है। यह तल्ख टिप्पणी विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनिका चौधरी ने नौ वर्षीय बालिका का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले को सजा सुनाते हुए आदेश में की है। छह महीने में ही सुनवाई पूरी कर न्यायालय ने दोषी को 25 वर्ष के कठोर कारावास व 50 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नाबालिग बच्चियों का अपहरण कर दुष्कर्म करता था तीन बच्चों का पिता
ट्रांसयमुना थाना क्षेत्र में 13 मई की दोपहर बाइक सवार युवक ने घर के बाहर खेल रही नौ वर्षीय बालिका का रास्ता पूछने के बहाने उसका अपहरण किया था। घर से कुछ दूर ले जाकर बंद घर के बाहर उसके साथ दुष्कर्म किया था। बेटी को ढूंढते आई मां को देखकर वह बाइक लेकर फरार हो गया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग देखी तो वह बाइक से भागता नजर आया।
पैर में गोली लगने के बाद हुआ था घायल
सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले की पहचान मूलरूप से फिरोजाबाद के थाना नगला सिंघी के जटाई निवासी व वर्तमान में ट्रांसयमुना के शाहनगर बंबा में रह रहे शरीफ के रूप में हुई। वारदात के 10 घंटे बाद ही 13 मई की रात पुलिस ने शरीफ को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। पैर में गोली लगने से वह घायल हो गया था। न्यायालय से शरीफ को जेल भेजा गया, लेकिन उसे जमानत नहीं मिली।
सीसीटीवी से हुई थी पहचान, छह माह पूर्व मुठभेड़ में हुआ था गिरफ्तार
पुलिस ने महज 17 दिन में आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। अदालत में पीड़िता, उसकी मां, चिकित्सक, पुलिस के बयान दर्ज किए गए। गवाहों व मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनिका चौधरी छह महीने में अपना आदेश दिया और शरीफ को 25 वर्ष के कठोर कारावास व 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।
एडीजीसी सुभाष गिरि ने बताया कि मुकदमा में शरीफ पर पूर्व में दर्ज मुकदमे, पीड़िता और उसकी मां समेत पुलिसकर्मियों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट, सीसीटीवी और अन्य वैज्ञानिक साक्ष्य दोषी साबित करने में महत्वपूर्ण रहे। न्यायालय ने सजा सुनाने के दौरान कहा कि ऐसे मामले पीड़िता काे जीवन भर का मानसिक आघात पहुंचाते हैं। दोषी को दंडित होना जरूरी है। इसके साथ अर्थदंड की समस्त धनराशि पीड़िता को दिलाने और विक्टिम कंपनसेशन स्कीम के तहत प्रतिकर प्राप्ति के लिए आदेश की प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रेषित करने के आदेश दिए।
फिरोजाबाद में दो किशोरियों से किया था दुष्कर्म
ट्रांस यमुना में बालिका के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाले शरीफ की तलाश में पुलिस ने क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज खंगाले थे। इन फुटेज में वारदात के बाद जा रहा शरीफ राह चलती महिलाओं और युवतियों से भी छेड़छाड़ करते हुए नजर आया था। पुलिस की जांच में पाया गया था कि आरोपित ने फिरोजाबाद में भी दो किशोरियों के साथ दुष्कर्म किया था। इन मुकदमों में उसे जेल भी जाना पड़ा था। इसके बाद वह फिरोजाबाद से परिवार सहित रहने के लिए आगरा आ गया था। |