दो मौतों के बाद मैनुअल सफाई बंद, अब ऐसे होगी ग्रेटर नोएडा की सफाई

deltin33 2025-11-11 12:07:15 views 1152
  

ग्रेटर नोएडा में, राष्ट्रीय स्वच्छता आयोग के सचिव राहुल कश्यप ने सीवर और नालियों की सफाई केवल उपकरणों से करने के निर्देश दिए हैं।



जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। शहरों में सीवर व नालियों की सफाई केवल उपकरणों से ही की जाए। किसी भी सूरत में मैनुअल सफाई न की जाए। ऐसा होने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के राष्ट्रीय स्वच्छता आयोग के सचिव राहुल कश्यप ने सोमवार को विकास भवन में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान ये निर्देश दिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

उन्होंने नगर निगमों, प्राधिकरणों व नगर परिषदों से आवश्यक सफाई उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने जनता की सुविधा के लिए एक टोल-फ्री नंबर जारी करने के भी निर्देश दिए।
इससे पहले, उन्होंने नोएडा के सेक्टर 115 स्थित सीवेज पंप स्टेशन का निरीक्षण किया, जहां 18 अगस्त को सफाई करते समय दम घुटने से दो सफाई कर्मचारियों विकास और खुशाल की मौत हो गई थी।

उन्होंने सेक्टर 26 का भी निरीक्षण किया, जहां सीवर सफाई के दौरान सफाई कर्मचारी नानू मंडल और कोंकुन मंडल की मौत हो गई थी। उन्होंने नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को सभी मृतकों के परिवारों को जल्द से जल्द आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। सचिव ने विकास भवन में अधिकारियों के साथ बैठक की। सफाई एजेंसियों और अनुबंधित कंपनियों से सभी सफाई कर्मचारियों के उत्तराधिकारियों, पारिवारिक स्थिति, बीमा, पीएफ और ईएसआई फंड के बारे में जानकारी मांगी गई।

उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों को खतरनाक या जानलेवा काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों को नियमित रूप से व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि सफाई कार्यों के लिए उपकरण भारत सरकार की नमस्ते योजना के माध्यम से खरीदे जाने चाहिए। बैठक में नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सतीश पाल, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. शिवाकांत द्विवेदी, जिला समाज कल्याण अधिकारी सतीश कुमार, एसीपी क्राइम उमेश यादव, डिप्टी सीएमओ डॉ. टीकम सिंह, उप श्रमायुक्त राकेश द्विवेदी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
मृतकों के परिवारों को योजनाओं का लाभ प्रदान करें

सचिव ने कहा कि ड्यूटी के दौरान मृत सफाई कर्मचारियों के परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष, प्रायोजक योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और मुआवजा राशि से शीघ्र लाभ प्रदान किया जाए। किसी भी पात्र परिवार को सहायता प्राप्त करने में अनावश्यक देरी नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने लंबित मामलों की 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी। सफाई कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जाएं। जिलाधिकारी मेधा रूपम ने निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने की बात कही।
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