जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस ने अल-फलाह मेडिकल यूनिवर्सिटी से एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस ने संयुक्त अभियान में अल-फलाह मेडिकल यूनिवर्सिटी एवं अस्पताल से एक सफेदपोश आतंकी को गिरफ्तार किया है। आतंकी चिकित्सक डॉ. मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर 2900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किया गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विस्फोटकों का इस्तेमाल कथित तौर पर बम बनाने और आतंकी हमले के लिए किया जाना था। बरामद विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट बताया जा रहा है, जो धौज थाना क्षेत्र के फतेहपुर तगा गांव में दो अलग-अलग किराए के मकानों में छिपाकर रखा गया था। पुलिस ने आतंकी डॉक्टर के पास से भारी मात्रा में राइफल, पिस्तौल, मैगजीन और गोला-बारूद भी बरामद किया है। पुलिस ने यह अभियान रविवार और सोमवार को चलाया।
डॉ. मुजम्मिल की महिला साथी डॉ. शाहीन, जो लाल बाग, लखनऊ की रहने वाली है, को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसे यूनिवर्सिटी से ही गिरफ्तार किया। आरोप है कि डॉ. शाहीन ने डॉ. मुजम्मिल को एक कार उपलब्ध कराई थी। इस मामले में पुलिस ने मस्जिद के इमाम और एक अन्य आरोपी को भी हिरासत में लिया है, जिन्होंने विस्फोटक सामग्री छिपाने के लिए डॉक्टर को मकान किराए पर दिया था।
पुलिस आयुक्त सतेंद्र गुप्ता के अनुसार, डॉ. मुजम्मिल शकील को 12 दिन पहले एक गुप्त सूचना के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया था। रविवार को, उसकी सूचना पर, पुलिस ने धौज थाना क्षेत्र के फतेहपुर तगा रोड स्थित एक मकान से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया।
यह मकान उसी गाँव के निवासी इकबाल का है। इस कमरे से अमोनियम नाइट्रेट के अलावा, एक कैंटॉप असॉल्ट राइफल, पाँच मैगज़ीन, 91 ज़िंदा कारतूस, एक पिस्तौल और आठ बड़े व चार छोटे सूटकेस बरामद किए गए।
पुलिस आयुक्त के अनुसार, फरीदाबाद और जम्मू पुलिस पिछले एक महीने से विस्फोटक सामग्री बरामद करने के लिए तलाशी अभियान चला रही थी। सोमवार सुबह 11 बजे, जब पुलिस कमिश्नर डॉक्टर की गिरफ्तारी और बरामदगी की घोषणा कर रहे थे, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर फतेहपुर तगा गाँव में एक और तलाशी अभियान चलाया। पुलिस ने एक कोठरी में 89 बोरियों में रखा 2563 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया। दो घंटे की तलाशी के बाद, पुलिस ने सामान को एक पिकअप ट्रक में लादकर अपने साथ ले गई। पुलिस इस अभियान के लिए डॉ. मुजम्मिल को भी साथ लेकर आई थी।
पुलिस के अनुसार, डॉ. मुजम्मिल ने गिरफ्तारी से 15 दिन पहले ही सामान छिपाने के लिए एक कमरा किराए पर लिया था। फिर सामान को गुप्त रूप से वहाँ पहुँचाया गया। इसके बाद, उन्होंने फतेहपुर तगा गाँव में एक कमरा किराए पर लेकर 2563 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट और जमा कर लिया।
फतेहपुर तगा स्थित यह घर मस्जिद के इमाम इस्तक से आठ महीने पहले किराए पर लिया गया था। मुज्जमिल और इमाम की मुलाक़ात मस्जिद में हुई थी। यह मस्जिद अल-फ़लाह विश्वविद्यालय के भीतर स्थित है। मुज्जमिल वहाँ नमाज़ पढ़ने जाता था।
यहीं पर उनकी पहली बातचीत हुई और फिर दोस्ती हो गई। फतेहपुर तगा स्थित जिस घर में डॉक्टर ने इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक छिपाया था, वहाँ एक और परिवार रहता था, लेकिन उस परिवार ने इसकी जानकारी होने से इनकार किया।
सहारनपुर से 14 दिन पहले गिरफ्तार किए गए जैश के आतंकी डॉ. आदिल से मिली जानकारी।
सहायक पुलिस आयुक्त वरुण दहिया के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस मामले में 14 दिन पहले जैश के आतंकी डॉ. आदिल को गिरफ्तार किया था।
पुलिस को उसी आतंकी से जानकारी मिली थी कि मामले का आरोपी डॉ. मुज्जमिल शकील फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय में चिकित्सक है। इसके बाद, जम्मू पुलिस ने फरीदाबाद पुलिस के सहयोग से मुज्जमिल को विश्वविद्यालय से गिरफ्तार कर लिया। उसकी सूचना के आधार पर धौज और फतेहपुर तगा से विस्फोटक बरामद किए गए। साजिशकर्ता, डॉक्टर, गजवा-उल-हिंद से जुड़ा हुआ है।
पुलिस के मुताबिक, साजिशकर्ता मुज्जमिल आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और आईएसआईएस के स्थानीय मॉड्यूल गजवा-उल-हिंद से जुड़ा है। पुलिस अब हिरासत में ली गई महिला डॉक्टर और इमाम के नेटवर्क की जाँच कर रही है।
इस बीच, इमाम की पत्नी का कहना है कि वह 20 साल से धौज गाँव में रह रहा है और उसका इस पूरी घटना से कोई लेना-देना नहीं है। तलाशी अभियान के बाद पुलिस ने इमाम के परिवार के सभी फोन जब्त कर लिए हैं। |