एमपी के किसानों को मिलेंगे 300 करोड़ रुपये
मध्य प्रदेश सरकार ने भावांतर भुगतान योजना (Bhavantar Bhugtan Yojana 2025) के तहत किसानों को 300 करोड़ रुपये की राशि उनके खातों में हस्तांतरित करने का फैसला किया है। प्रदेश कैबिनेट ने सोमवार को यह निर्णय लिया।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए एमएसएमई मंत्री चैतन्य कुमार कश्यप (Chaitanya Kumar Kashyap) ने कहा कि यह राशि 13 नवंबर को सिंगल-क्लिक के माध्यम से 1.32 लाख किसानों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की जाएगी। उन्होंने बताया कि सोयाबीन का पहला मॉडल भाव 4,036 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है और अब दैनिक भाव रियल टाइम में जारी किए जा रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भाव में 1,300 रुपये प्रति क्विंटल का अंतर
मंत्री ने कहा, इस योजना के तहत भाव में लगभग 1,300 रुपये प्रति क्विंटल का अंतर आता है। अब योजना के लागू रहने तक हर दिन मॉडल भाव घोषित किए जाएंगे। अब तक करीब 1,60,000 किसानों ने इस योजना के तहत लगभग 2.70 लाख टन सोयाबीन बेचा है।
भावांतर भुगतान योजना के तहत पेमेंट बिना किसी बिचौलिए के तुरंत किया जाता है। पोर्टल यह सुनिश्चित करता है कि किसानों को मॉडल भाव और वास्तविक बाजार भाव के बीच का अंतर सीधे उनके खातों में प्राप्त हो। इस योजना में सोयाबीन, उड़द, मूंग और अन्य अधिसूचित फसलें शामिल हैं। पिछले साल 18 लाख किसानों को 2,400 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की गई थी।
मंडियों में फसल पहुंचने से पहले मुआवजा
कैबिनेट बैठक में इस योजना को देश में सबसे सफल मूल्य अंतर प्रणाली बताया गया, जिसने पारदर्शिता और शीघ्र भुगतान के लिए राष्ट्रीय मानक स्थापित किया है। मंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश कुछ दिन पहले ही फसल नुकसान का मुआवजा देने वाला पहला राज्य बना है, वह भी फसल मंडियों में पहुंचने से पहले ही।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने में विश्वास रखती है। भावांतर योजना विश्वास का प्रतीक बन गई है।“ उन्होंने आगे कहा कि खरीद सीजन के अंत तक दैनिक मूल्य अपडेट जारी रहेंगे। आधिकारिक पोर्टल पर पंजीकरण जारी है और हर जिले में हेल्पलाइन शुरू कर दी गई हैं।
खरीद के लिए 350 केंद्र स्थापित, परिवहन सब्सिडी भी
कैबिनेट ने खरीद के बुनियादी ढांचे की भी समीक्षा की। इसके लिए 350 से अधिक खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों से 15 किलोमीटर से अधिक दूरी पर रहने वाले किसानों को परिवहन सब्सिडी भी दी जा रही है। मंत्री ने कहा, “किसी भी किसान को कम बाजार मूल्य के कारण नुकसान नहीं होना चाहिए।“ |