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Bisfi Vidhan Sabha: पिता की विरासत के लिए बीजेपी को हराना चुनौती, जनसुराज बिगाड़ेगी किसका खेल?

LHC0088 2025-11-10 17:08:03 views 868

  

हरीभूषण ठाकुर, आसिफ अहमद और संजय मिश्रा



ब्रज मोहन मिश्र, मधुबनी। कवि कोकिल विद्यापति की धरती के रूप में देश दुनिया में पहचान रखने वाला बिस्फी विधानसभा क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण बदलहाल है। यह ग्रामीण क्षेत्र है। कहीं बाढ़ तो कहीं सुखाड़ की समस्या से यहां के लोग परेशान रहते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

यहां विकास के वादे और दावों को बीच अंत-अंत तक चुनावी रण का केंद्र हिंदू-मुस्लिम बन जाता है। यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है। करीब 40 प्रतिशत आबादी मुस्लिम की है। भाजपा के वर्तमान विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल पूरे दम खम के साथ जीत को दोहराने के लिए लड़ रहे हैं।

उनके सामने बिस्फी से दो बार विधायक रह चुके मौजूद राज्यसभा सदस्य डा. फैयाज अहमद के पुत्र आसिफ अहमद ताल ठोक रहे हैं। वे अपने पिता की राजनीतिक विरासत को बिस्फी में वापस हासिल करना चाहते हैं। 2020 में हरिभूषण ठाकुर बचौल ने डा. फैयाज अहमद को करीब 10 हजार वोट से हराकर पहली बार भाजपा का कमल खिलाया था।
जनसुराज बिगाड़ रहा खेल

आमने-सामने के इस मुकाबले में इस बार जनसुराज पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार अधिवक्ता संजय मिश्रा को उतारा है। वे जातीय समीकरण के हिसाब से एनडीए के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं, मगर ध्रुवीकरण की इस राजनीतिक जमीन पर वे अपने लिए किस हद तक वोट बटोर सकते हैं यह देखना दिलचस्प होगा।

चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिमरी में हरिभूषण ठाकुर के लिए सभा करके हिंदू वोटरों को गोलबंद करने का भरपूर प्रयास किया। उन्होंने यहां तक कहा कि बिस्फी को घुसपैठियों का लांचिंग पैड मत बनने दीजिए। जो राम का नहीं, वह किसी का नहीं।

भाजपा ने यहां अपने बेस वोटर के साथ ही धार्मिक आधार पर सभी हिंदुओं को गोलबंद करने का प्रयास किया। लेकिन, हिंदुत्व के नाम पर यहां यादव वोटरों को अपने पक्ष में करना भाजपा के लिए चुनौती है।
महागठबंधन और एनडीए के बीच दिख रहा सीधा मुकाबला

धेपुरा चौक के दिनेश भगत, गणेश यादव और उमेश यादव कहते हैं कि बिस्फी विधानसभा में इस बार सीट बचाना और जातीय समीकरण साधना चुनौतीपूर्ण रहेगा। डा. गणेश यादव बताते हैं कि इस बार भी पूर्व की भांति महागठबंधन व एनडीए में सीधा मुकाबला है।

जिरोमाईल के डा. असलम बताते हैं सभी पार्टी अपने प्रत्याशी व गठबंधन की मजबूती और दिग्गज नेताओं का चेहरा और काम दिखा कर जातीय समीकरण को साधते दिख रही है। नूरचक चौक पर अनिल शर्मा व राजहंस सागर ने कहा कि उम्मीदवार को लेकर कहीं-कहीं नाराजगी भी है।

दलीय नेताओं में अंदर से नाराजगी है, मगर अब शीर्ष नेतृत्व के माध्यम से इस खाई को पाटने का काम भी चल रहा है। रथौस पंचायत के सरपंच तौहीद अली व तीसी नरसाम उत्तर के पैक्स अध्यक्ष मनोज पंजियार बताते हैं कि नेताओं के लिए यहां के जनता की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ और सुखाड़ कस स्थायी निदान मुद्दा है ही नहीं।

धौंस नदी हर बार किसानों की फसल बर्बाद कर देती है। छात्रों के अपने मसले हैं। नूरचक पंचायत की कंचन और कोमल कहती हैं कि क्षेत्र में एक भी डिग्री कालेज नहीं है।

मधुबनी और दरभंगा जाकर एडमिशन लेना पड़ता है। इंद्रा देवी, सुलेखा देवी बताती हैं, महिलाओं में बदलाव की चर्चा है। युवा रंजीत कुमार ने बताया कि इस बार लोगों का रुझान युवा चेहरों की ओर है।

कुल मतदाता- 326870
पुरुष वोटर- 172027
महिला वोटर- 154815
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