एसीपी डा. अतुल अंजान त्रिपाठी ग्रामीणों को समझाने पहुंचे तो ग्रामीण उग्र हो गए।
| जागरण संवाददाता, (रामनगर) वाराणसी। सुल्तानपुर गांव में पेयजलापूर्ति को सुचारु कराने को लेकर ग्राम प्रधान से ग्रामीणों के विवाद में रविवार को उग्र रूप ले लिया। ग्रामीण पेयजल आपूर्ति सुचारु कराने के लिए सड़क पर जाम लगाते हुए कार्रवाई की मांग उठाई तो पुलिस ने विरोध प्रदर्शन को हल्के में लिया। दिन में 11 बजे लगे जाम को खत्म कराने के बजाए पुलिस रूट डायवर्जन कर हल खोजने में जुट गई। रात में आठ बजे एसीपी डा. अतुल अंजान त्रिपाठी पहुंचे तो ग्रामीण आपा खो बैठे, जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज किया तो ग्रामीण पत्थर बाजी शुरू कर दिए। गुरिल्ला युद्ध में एक दर्जन से पुलिसकर्मी और ग्रामीणों को चोटें आईं हैं। थाना लंका, जैतपुरा व रामनगर व एसीपी की गाड़ी के शीशे टूट गए। डीसीपी गौरव बंसवाल रात में पहुंचे तो उपद्रवियों की तलाश में पुलिस, पीएसी के जवान गांव में सर्च अभियान चलाकर रात में 37 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। गांव से सत्तर फीसद पुरुष घरों से रात को पलायित मिले। ग्रामीणों का कहना था ग्राम प्रधान के पति मनोज मौर्या का भतीजा अरविंद मौर्या पंप आपरेटर है। जिसके कहीं चले जाने से गांव की पेयजलापूर्ति बाधित थी। गांव के विशेष और रोहित जलापूर्ति सुचारु कराने के लिए ग्राम प्रधान के घर पहुंचे थे, जहां प्रधान पक्ष के लोगों ने मारपीट की। गुस्साए ग्रामीणों ने दुर्गा मंदिर पंचवटी मार्ग पर दिन में 11 बजे चक्काजाम कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि शिकायत करने थाने पहुंचे तो पुलिस ग्राम प्रधान के पति मनोज के इशारे पर विशेष, रोहित मौर्या, रोहित पटेल व राहुल विश्वकर्मा का चालान कर दिया। ग्रामीणों की मांग थी कि पुलिस प्रधान पक्ष के लोगों का भी चालान करे। आंदोलन को हाथ से निकलता देख रामनगर प्रभारी निरीक्षक दुर्गा सिंह ने चक्काजाम कर रहे ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किए, लेकिन बात नहीं बनी। एसीपी डा. अतुल अंजान त्रिपाठी ग्रामीणों को समझाने पहुंचे तो ग्रामीण उग्र हो गए। हालांकि देर रात में कार्रवाई के दौरान 37 लोग पकड़े गए। | | | | विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें |