सारंग हेलिकाप्टरों ने इस मौके पर हैरतअंगेज करतब दिखाकर लोगों को रोमांचित कर दिया (फोटो: पीटीआई)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना की 93वीं वर्षगांठ पर लाचित घाट पर ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर रविवार को भव्य एयर शो \“फ्लाइंड डिस्प्ले 2025\“ का आयोजन किया गया। इस मौके पर वायुसेना के आधुनिक विमानों और हेलिकाप्टरों ने 25 अलग-अलग फार्मेशन में उड़ान भरी। वायुसेना की सूर्यकिरण एयरोबेटिक टीम और सारंग हेलिकाप्टरों ने इस मौके पर हैरतअंगेज करतब दिखाकर लोगों को रोमांचित कर दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि इस एयर शो से देश के दुश्मनों को सख्त संदेश मिला है। एक्स पर एक पोस्ट में सीएम सरमा ने लिखा कि पूर्वोत्तर में पहली बार आयोजित हुए इस एयर शो के जरिये वायुसेना ने चिकन नेक गलियारे के पास अपनी ताकत, कौशल और भावना का शानदार प्रदर्शन कर दुश्मनों की नींद उड़ा दी है। उन्होंने कहा कि चार देशों की सीमाएं चिकन नेक के बेहद करीब हैं।
एयरशो में कुल 75 विमानों ने हिस्सा लिया
उन्होंने कहा कि देश के भीतर और बाहर के दुश्मनों के लिए वायुसेना की ये सख्त चेतावनी है। वायुसेना के प्रदर्शन में राफेल, सुखोई-30, मिग-29, मिराज, जगुआर, आइएल-78 रिफ्यूलर, सी-17 ग्लोबमास्टर, एंटोनोव एएन-32, सी-130 हर्कुलिस विमानों और अपाचे, एमआइ-17 और एडवांस्ड लाइट हेलिकाप्टर- एमके1 जैसे हेलिकाप्टरों ने हिस्सा लिया। इस एयरशो में कुल 75 विमानों ने हिस्सा लिया। लंबे समय बाद वायुसेना की सारंग टीम ने भी इस आयोजन में हिस्सा लिया।
इस मौके पर वायुसेना अध्यक्ष एयर मार्शल एपी सिंह, एयर आफिसर कमांडिंग इन चीफ आफ ईस्टर्न कमांड, एयर मार्शल सूरत सिंह और अन्य वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी आना था, लेकिन बिहार चुनाव की व्यस्तताओं की वजह से वह शामिल नहीं हो पाए। रक्षा पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल महेंदर रावत ने बताया कि ये पहली बार है कि वायु सेना ने पूर्वोत्तर में एयर शो किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोगों ने देश के हवाई योद्धाओं की झलक देखी और हवाई ताकत पर गर्व की अनुभूति की।
\“चिकन नेक\“ के नाम से जाना जाता है \“सिलिगुड़ी कारिडोर\“
उत्तर बंगाल के सिलिगुड़ी में स्थित संकरे गलियारे को \“सिलिगुड़ी कारिडोर\“ या \“चिकन नेक\“ के नाम से जाना जाता है। यह भारत के मुख्य भूभाग को उत्तर-पूर्व के सात राज्यों से जोड़ता है। सबसे संकीर्ण हिस्से में इसकी चौड़ाई मात्र 20 किलोमीटर है। इस गलियारे की विशेषता यह है कि यह नेपाल, भूटान और बांग्लादेश- तीनों देशों की सीमाओं के बिल्कुल करीब है।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ) |