मप्र हाईकोर्ट (सांकेतिक चित्र)
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सीरप के मामले में कटारिया फार्मास्युटिकल्स के संचालक राजपाल कटारिया को हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। दवा का लाइसेंस निरस्त किए जाने के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता राज्य सरकार के समक्ष अपील पेश करे। इस निर्देश के साथ अदालत ने याचिका निस्तारित कर दी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसलिए हुई थी कार्रवाई
गौरतलब है कि जबलपुर निवासी राजपाल कटारिया, कटारिया फार्मास्युटिकल के संचालक हैं। उनकी ओर से हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि वह बीते अनेक वर्षों से दवाओं का थोक व्यापार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बेंगलुरु की श्रीसन फार्मा द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ कफ सीरप की आपूर्ति वे छिंदवाड़ा जिले में लंबे समय से कर रहे थे।
याचिकाकर्ता ने बताया कि छिंदवाड़ा जिले में कफ सीरप पीने से मासूम बच्चों की मौत के बाद जबलपुर ड्रग लाइसेंस अथारिटी ने गत 11 अक्टूबर को उनका लाइसेंस निरस्त कर दिया था। इसी आदेश को चुनौती देते हुए उन्होंने यह याचिका दायर की।
न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इस अपील को राज्य सरकार के समक्ष रखा जाए। याचिकाकर्ता ने लाइसेंस निरस्तीकरण के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की मांग भी की थी। राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता सुमित रघुवंशी ने अदालत को बताया कि ड्रग रूल्स, 1945 के नियम 66(2) के तहत लाइसेंस निरस्त होने की स्थिति में राज्य सरकार के समक्ष अपील दायर करने का प्रावधान है। |