जागरण संवाददाता, महोबा। उप्र-मप्र की सीमा में बने उर्मिल बांध के पानी के बंटवारे को लेकर अब दो राज्यों के सिंचाई विभाग में सहमति बन गई है। 31 अक्टूबर को मप्र में हुई बैठक में विचार विमर्श के बाद तय हुआ कि उप्र के क्षेत्र को 38.89 एमसीएम पानी दिया जाएगा। इससे महाेबा की डेढ़ लाख की आबादी के साथ ही सिजहरी व श्रीनगर के लोगों की भी प्यास बुझेगी। वहीं मप्र के क्षेत्र को 60 फीसदी पानी दिया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मप्र के ग्राम बूदौर से उर्मिल नदी निकली है और यह जिले के मप्र सीमा में बने कैमाहा व श्रीनगर तक आती है। श्रीनगर क्षेत्र में उर्मिल बांध बना है और इसका ज्यादातर हिस्सा मप्र में आता है। इससे महोबा की डेढ़ लाख की आबादी के साथ ही ग्राम सिजहरी व कस्बा श्रीनगर में आपूर्ति की जाती है। 31 अक्टूबर को दोनों राज्यों के सिंचाई विभाग के अधिकारियों के बीच पानी के बंटवारे के एजेंडे को लेकर बैठक हुई। जिसमें बताया गया कि इस साल उर्मिल बांध का जल स्तर 237.20 मीटर है।
60 प्रतिशत पानी
मप्र के सागर बांध स्थित गेस्ट हाउस में विचार विमर्श हुआ और इसके बाद तय हुआ कि हर साल की तरह 40 प्रतिशत पानी उप्र व 60 प्रतिशत पानी मप्र को दिया जाएगा। जिसमें 38.89 एमसीएम पानी जिले के हिस्से में आएगा और 10 प्रतिशत पानी वाष्पीकरण में खर्च हो जाएगा। वहीं मप्र क्षेत्र को 58.34 एमसीएम पानी दिया जाएगा।
सिंचाई प्रखंड महोबा के अधिशाषी अभियंता मोतीलाल ने बताया कि 31 अक्टूबर को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। हर साल इसी एजेंडे पर बैठक की जाती है। इस दौरान छतरपुर मंडल के अधीक्षण यंत्री नवीन कुमार गौड़, अधीक्षण अभियंता उस्मान, महोबा के सहायक अभियंता शिव वर्मा मौजूद रहे। |