कारोबारी मक्कड़ सिंह को रंगदारी के लिए गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के नाम से आई थी कॉल।
रवि अटवाल, चंडीगढ़। विदेश में बैठा गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और उसका साथी गुरप्रीत सिंह ढिल्लों उर्फ गोल्डी राजपुरा के नाम पर पंजाब में वसूली रैकेट चल रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में यह खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि पिछले साल तीन करोड़ की रंगदारी के लिए कारोबारी कुलदीप सिंह मक्कड़ के घर पर फायरिंग करने वाले बदमाश गोल्डी बराड़ और गुरप्रीत के संपर्क में थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
खुफिया जानकारी मिलने पर एनआईए ने तीन संदिग्ध आरोपितों के ठिकानों पर रेड मारी। यह तीनों संदिग्ध पटियाला के बताए जा रहे हैं। एनआईए को उनके ठिकानों से कई अहम सुबूत मिले हैं, जिसे अगली तारीख पर एनआईए विशेष अदालत में पेश करेगी।
मक्कड़ के घर हुई फायरिंग के मामले में एनआईए ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके खिलाफ चंडीगढ़ में एनआईए की विशेष अदालत में मुकदमा चल रहा है।
इस मामले में गोल्डी बराड़ और उसके खास साथी गुरप्रीत सिंह ढिल्लों उर्फ गोल्डी राजपुरा के खिलाफ भी केस दर्ज किया था। गोल्डी राजपुरा भी इस समय विदेश में छिपा हुआ है। इन दोनों के नाम एनआईए ने चार्जशीट में शामिल किए थे, हालांकि इन्हें पकड़ा नहीं जा सका।
चंडीगढ़ पुलिस से केस एनआईए को किया था ट्रांसफर
19 जनवरी, 2024 का है, जब सेक्टर-5 स्थित कारोबारी कुलदीप सिंह मक्कड़ के घर पर सुबह करीब सवा चार बजे फायरिंग हुई थी। इस हमले में मक्कड़ की गाड़ी पर गोलियां चलाई गईं, हालांकि वे बाल-बाल बच गए।
घटना के कुछ समय बाद मक्कड़ को एक वर्चुअल नंबर से काॅल आई। यह काॅल गोल्डी बराड़ ने की थी और उसने उन्हें जान से मारने की धमकी दी और साथ ही तीन करोड़ रुपयेे रंगदारी भी मांगी। मामले की जांच पहले चंडीगढ़ पुलिस के पास थी, लेकिन दो महीने बाद गृह मंत्रालय के निर्देश पर इसे एनआईए को सौंप दिया गया था
अब तक आठ किए जा चुके गिरफ्तार
एनआईए ने मामले में गुरविंदर सिंह उर्फ लाड्डी, सरबजीत सिंह उर्फ सरबू, शुभम कुमार गिरी उर्फ पंडित, अमृतपाल उर्फ गुज्जर, कमलप्रीत सिंह, काशी सिंह उर्फ हैप्पी, प्रेम सिंह और गगनदीप सिंह को गिरफ्तार किया है।
एनआईए की जांच में यह पता चला था कि गोल्डी बराड़ और उसके साथी गुरप्रीत का गैंग कारोबारियों को धमकाकर उनसे पैसे वसूली करता है। गोल्डी बराड़ ने गुरप्रीत के साथ मिलकर गिरोह तैयार किया है, जिसमें युवा अपराधियों के लिए फंड, हथियार और रहने की व्यवस्था दी जाती है। |