इस विधानसभा में सबसे ज्यादा हुई वोटिंग। फोटो जागरण
पवन कुमार मिश्र, पटना। जिले की 14 विधानसभा सीटों पर गुरुवार को हुआ मतदान प्रतिशत ऐतिहासिक रहा। इसमें बिक्रम विधानसभा में सबसे अधिक 69.49 तो कुम्हरार में सबसे कम 40.17 प्रतिशत मतदान हुआ।
2020 विधानसभा चुनाव की तुलना में इस वर्ष हर सीट पर बढ़ा मतदान प्रतिशत लोकतांत्रिक भागीदारी व जन जागरूकता की मिसाल देता है। बिक्रम, मसौढ़ी, फतुहा जैसी ग्रामीण सीटों पर मतदान 69 प्रतिशत के पार रहा तो मनेर, फुलवारी, बख्तियारपुर में 66 से 67 प्रतिशत के आसपास रहा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वहीं, शहरी सीटों कुम्हरार, बांकीपुर, दीघा में सबसे कम क्रमश: 40.17 प्रतिशत, बांकीपुर में 41.32 और 42.76 प्रतिशत रहा। पटना साहिब इकलौता ऐसा शहरी क्षेत्र है, जहां 60 प्रतिशत से अधिक लोगों ने मतदान किया।
सबसे कम मतदान के बावजूद सभी शहरी सीटों पर पिछली बार की तुलना में मतदान प्रतिशत बढ़ा है। 2020 विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार जिले की 14 विधानसभा सीटों पर पांच से 12 प्रतिशत तक मतदान अधिक हुआ। जिला प्रशासन के अनुसार, इसका कारण मतदाताओं में लोकतंत्र के प्रति बढ़ा विश्वास, राजनीतिक सक्रियता व महिला-युवाओं की भागीदारी रही।
राजधानी के बीचोबीच स्थित कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र में मतदान को लेकर निराशाजनक स्थिति रही। यहां केवल 40.17 प्रतिशत मतदाता ही वोट डालने पहुंचे, जबकि वर्ष 2020 में यह आंकड़ा 35.22 प्रतिशत था।
इसी तरह बांकीपुर में 41.32 प्रतिशत और दीघा में 42.76 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव अधिकारियों के अनुसार, शहरी मतदाताओं में इस बार अपेक्षाकृत उदासीनता देखी गई।
ट्रैफिक, सप्ताहांत की छुट्टी और घर से बाहर रहने जैसी वजहों से मतदान दर प्रभावित हुई। इसके बावजूद 2020 की तुलना में दीघा, बांकीपुर व कुम्हरार तीनों सीटों पर मतदान प्रतिशत में वृद्धि हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा।
2025 व 2020 विधानसभा चुनाव का मतदान प्रतिशत
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