राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के शुक्रवार को 150 वर्ष पूरे होने पर सरकारी कार्यालयों, स्कूलों व स्वतंत्रता संग्राम स्थलों पर पूरे वर्ष चार चरणों में समारोहों का आयोजन किया जाएगा। इस संदर्भ में संस्कृति निदेशालय ने सभी सरकारी विभागों, बेसिक व माध्मयमिक शिक्षा विभाग, संस्कृति, गृह व सूचना विभाग सहित सभी जिलाधिकारियों को समारोहों के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
स्मरणोत्सव का पहला चरण सात से 14 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। दूसरा चरण अगले वर्ष 19 से 26 जनवरी, तीसरा चरण सात से 15 अगस्त और चौथा चरण पहली से सात नवंबर 2026 तक आयोजित किया जाएगा।
बंकिम चंद्र चटर्जी ने अक्षय नवमी के अवसर पर सात नवंबर 1875 को वंदे मातरम गीत लिखा था। पहली बार यह गीत साहित्यिक पत्रिका बंग दर्शन में उनके उपन्यास आनंदमठ के धारावाहिक प्रकाशन के एक भाग के रूप प्रकाशित किया गया था।
इस गीत ने उस समय देश भर में चल रहे स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी थी। इस गीत ने देशवासियों के अंदर स्वतंत्रता की अलख जलाई थी। नतीजतन 24 जनवरी 1950 में भारतीय संविधान सभा ने इस गीत को राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया।
संस्कृति मंत्रालय ने राष्ट्रीय गीत के स्मरण में पूरे वर्ष समारोहों के आयोजन के लिए राज्य सरकार को 24 अक्टूबर को पत्र भेजा था। इसके बाद संस्कृत विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने समारोहों के आयोजन की कार्ययोजना तैयार कर मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों व संबंधित विभागों को भेजी है।
स्कूलों में आज से वर्षभर चलेगा वंदेमातरम
राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रदेश के सभी विद्यालयों में वर्षभर विशेष कार्यक्रम होंगे। इस संबंध में शिक्षा निदेशक (बेसिक) ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
यह कार्यक्रम सात नवंबर से अगले वर्ष सात नवंबर तक आयोजित किए जाएंगे। इसकी शुरुआत शुक्रवार को सभी विद्यालयों में प्रार्थना सभा के दौरान छात्र-छात्राओं और शिक्षकों द्वारा सामूहिक रूप से वंदे मातरम के गायन से की जाएगी। इसके साथ ही वंदे मातरम कान्सर्ट का भी आयोजन किया जाएगा। |