राधोपुर विधानसभा क्षेत्र के हिम्मतपुर स्थित मतदान केंद्र संख्या 266 पर कतार में लगे मतदाता। जागरण
कुमार रजत, पटना। Bihar Vidhan Sabha Chunav latest News: राघोपुर में सिर्फ वोटर नहीं हैं, वोटरों का झुंड है। हर गांव-टोले में अपने जाति-समीकरण के हिसाब से लगभग एक मिजाजी वोटरों का झुंड।
एक झुंड विकास के पुल पर इठला रहा है, तो दूसरा उसके नुकसान गिना रहा। एक झुंड जिसे वर्तमान का बदलता राघोपुर पसंद आ रहा तो दूसरा झुंड जिसे उम्मीद है कि भविष्य का राघोपुर इससे ज्यादा खुशहाल होगा।
वोटरों का एक झुंड सीएम-पीएम के काम पर कुर्बान है, तो दूसरा झुंड अपने विधायक में भविष्य का सीएम तलाश रहा है। राघोपुर का मिजाज ही यही है- खुलकर बोलने का। इस शोर में विकास और वादे की बात तो है, मगर सीएम फेस पर फोकस अधिक है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पटना को राघोपुर से जोड़ने वाले सिक्सलेन पुल से उतरते ही हिम्मतपुर गांव है। यहां मतदान केंद्र पर वोटरों की लंबी लाइन लगी है।
पन्ना लाल राय कहते हैं- डेढ़ घंटे से खड़े हैं। लाइन धीरे-धीरे बढ़ रही मगर वोट देकर ही जाएंगे। इस बार विधायक नहीं, सीएम चुनने आए हैं।
पुल और विकास की बात पूछने पर जवाब मिलता है- पुलवा तेजस्वी भइया (Tejashwi Yadav) ही बनवाए हैं। जब सरकार में थे तब प्रोजेक्ट पास हुआ था।
महिला वोटर इंदु देवी और फूला देवी कहती हैं, बहुत को दस हजार रुपया मिला है, मगर हमलोगों को नहीं मिला। मलिकपुर में ललन पासवान कहते हैं, विकास करने वाले को ही वोट मिलेगा।
पुल किसने बनवाया, यह पुल पर लिखा हुआ है। जिसको शक है, जाकर पढ़ ले। रत्न लाल कहते हैं- खाली पुल से क्या होगा? नालंदा पाछे (पीछे) होना चाहिए, राघोपुर को आगे होना चाहिए।
यहां फैक्ट्री चाहिए। कालेज चाहिए। कारी देवी कहती हैं, रोजगार सबसे पहले है। बालू बंद हो गया है। महंगाई भी बहुत है। बिंदेश्वर राय कहते हैं, पांच किलो में चार किलो अनाज मिलता है। घूस वाला आदमी बढ़ गया है।
छोटन राय कहते हैं, पेंशन 400 से 1100 हुआ तो है, मगर यह भी तेजस्वी की ही देन है।
डिप्टी सीएम के पास कोई पावर होता है जी, मालिक सीएम है
सुबोध राय कहते हैं, राघोपुर में कटाव पुराना मुद़्दा है, अभी तक निदान नहीं हुआ है। दूसरे पक्ष से सवाल आता है- विधायक तो तेजस्वी यादव है, उसप कुछ दिन डिप्टी सीएम भी रहे वहीं काम क्यों नहीं कराए।
जवाब मिला- डिप्टी सीएम के पास कोई पावर होता है जी, असली मालिक सीएम होता है। सीएम बनाइए, फिर न काम होगा।
फतेहपुर के रास्ते में रामेश्वर सिंह कहते हैं- सिक्स लेन बना, अब पढ़ाई-लिखाई, दवाई सब के लिए सोचना है। तुरंत पटना पहुंच जाइए। अब जाति नहीं, विकास देखकर वोट पड़ता है।
सैदाबाद में रामप्रवेश राय और अनिल राय इसे नकारते हुए कहते हैं- राघोपुर सिक्स लेन से कोई फायदा नहीं है। उल्टा, खर्चा डबल हो गया है।
पीपा पुल से जल्द भी पहुंचते थे और पैसा भी कम लगता था। सिक्स लेन बड़का गाड़ी वाला लोग के लिए है, हमलोग के लिए नहीं। छोटा आदमी के लिए छोटा पुल चाहिए।
इस बीच राघोपुर दियारा के सैदाबाद के बूथ संख्या 303 पर वोटिंग का हाल चाल लेने एनडीए प्रत्याशी सतीश कुमार पहुंचते हैं। उन्हें गेट पर ही रोककर कुछ लोग बताते हैं कि पिंकी कुमारी वोट देने गईं मगर कहा गया कि उनका वोट डाला जा चुका है।
सतीश पिंकी देवी को साथ लेकर बूथ तक आते हैं। पूछताछ करने पर गेट पर बैठा पोलिंग एजेंट बताता है कि रजिस्टर में नाम-आगे पीछे होने से गलतफहमी हो गई थी। इसके बाद पिंकी देवी को वोट देने की अनुमति दी जाती है।
दबंग खिला रहे कसम, इसको ही देना वोट
राघोपुर मुख्य सड़क पर ऋषि कुमार मिलते हैं। बाइक से परिवार के साथ वोट देकर लौट रहे हैं। कहते हैं, लड़ाई तगड़ी है। दबंग जाति का वोटर वोकल है, इसलिए माहौल बना लेता है।
कहते हैं, गांव में रात में दबंग जाति वाले कसम खिलवा रहे हैं कि तुमको फलां प्रत्याशी को ही वोट देना है। अब बताइए, कसम खाने से क्या होगा। जो काम करेगा, आदमी उसी को न वोट देगा।
सैदाबाद में इस बीच मतदान केंद्र के आसपास नौवीं-दसवीं में पढ़ने वाले बच्चों का भी झुंड घूम रहा। हाथ में मोबाइल है जिसमें चुनाव के वीडियो। पूछने पर कहते हैं, माहौल देख रहे हैं। अगला चुनाव में वोट देने का तैयारी कर रहे हैं। |