बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में तख्तापलट को 1 साल से अधिक का समय बीत चुका है। वहीं, अब देश में चुनाव (Bangladesh Elections) की सुगबुगाहटें तेज हो गई हैं। बांग्लादेश में अगले साल फरवरी में चुनाव हो सकते हैं। यह देश का 13वां संसदीय चुनाव होगा, जिसमें 300 सीटों पर मतदान होने की संभावना है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आगामी चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) मजबूत नजर आ रही है। BNP ने कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। पार्टी के द्वारा जारी की गई सूची में 237 सीटों के प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए गए हैं, जिनमें पूर्व पीएम खालिदा जिया का नाम भी शामिल है।
खालिदा जिया 3 सीटों से लड़ेंगी चुनाव
बांग्लादेशी की पूर्व प्रधानमंत्री और BNP की प्रमुख खालिदा जिया 3 सीटों से चुनाव लड़ेंगी। फेनी-1, बोगुरा-7 और दिनाजपुर-3 से BNP ने खालिदा जिया को ही अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं, उनके बेटे तारिक रहमान बोगुरा-6 से चुनावी मैदान में उतरे हैं। BNP के प्रधान सचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ठाकुरगांव-1 से चुनाव लड़ेंगे।
खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान। फाइल फोटो
तारिक रहमान बन सकते हैं अगले पीएम
खालिदा जिया की खराब सेहत के बीच उनके बेटे तारिक रहमान को BNP का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है। उन्हीं की अगुवाई में पार्टी आगामी चुनाव की तैयारियां कर रही है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर चुनाव में BNP की जीत होती है, तो तारिक बांग्लादेश के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
तारिक रहमान अभी विदेश में रह रहे हैं। दरअसल शेख हसीना के कार्यकाल में तारिक पर कई गंभीर आरोप लगे थे। इस दौरान उन्हें कई मामलों में दोषी करार देते हुए जेल की सजा सुनाई गई थी। सजा से बचने के लिए तारिक विदेश चले गए थे।
21 अगस्त 2004 को शेख हसीना पर ग्रेनेड हमला हुआ था, जिसमें तारिक रहमान का हाथ पाया गया था। दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट ने इस मामले में उन्हें दोषी करार दिया था। इस हमले में 24 लोगों की मौत हो गई थी, मगर शेख हसीना की जान बाल-बाल बची थी।
पिछले साल हुआ था सत्ता परिवर्तन
शेख हसीना की आवामी लीग के बाद BNP देश में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। पिछले काफी समय से BNP विपक्षी दलों में शामिल थी। अगस्त 2024 में बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा था। इसके बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनी, जिसका नेतृत्व नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं।
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