अमलेन्दु त्रिपाठी, प्रयागराज। इस माह कई खगोलीय घटनाएं हो रही हैं। पूर्णिमा को जो चंद्रमा दिखाई देगा उसे खगोलविद सुपर बीवर मून कहते हैं। पांच नवंबर को होने वाली यह घटना खगोल विदों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह वर्ष का सबसे बड़ा और सबसे चमकदार चंद्रमा है। सामान्य से 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक चमकीला नजर आएगा। आमतौर पर प्रत्येक पूर्णिमा के चंद्रमा का उपनाम है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जवाहर तारामंडल की विज्ञानी सुरूर फातिमा के अनुसार, इस महीने टारिड उल्का पिंड भी देख सकते हैं। पूर्णिमा का चांद प्लीएडीज तारा समूह के पास पहुंच रहा है। 16 नवंबर की सुबह यह प्लीएडीज के सामने से गुजरेगा। नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के खगोल विज्ञानी डॉ. वीरेंद्र यादव के अनुसार, बुधवार को चंद्रमा हमारे करीब होगा, जिस कारण उसकी चमक बढ़ी हुई नजर आएगी। अन्य दिनों की अपेक्षा चंद्रमा अधिक बड़ा भी दिखाई देगा।
धूमकेतु लेमन और 210 पी क्रिस्टेंसन नजर आएगा
सुरूर फातिमा बताती हैं कि नवंबर की पूर्णिमा को बीवर मून या फ्रास्टी मून कहते हैं, क्योंकि नवंबर में उत्तरी अमेरिकी बीवर आने वाले ठंडे महीनों के लिए अपनी मांद तैयार कर, भोजन जमा करते हैं। इस माह के पूर्णिमा को डिंगग मून भी कहा जाता है, क्योंकि यह जंगली जानवरों के लिए मौसमी भोजन की तलाश का आखिरी मौका होता है। खगोलीय घटनाओं के क्रम में इस महीने धूमकेतु लेमन भी दिखाई देगा। धूमकेतु 210 पी क्रिस्टेंसन भी देखा जा सकता है। इसकी चमक बहुत अधिक हो सकती है।
दक्षिण भारत के राज्यों में इसे दक्षिण-पश्चिमी आकाश में शनि से लगभग 20 डिग्री ऊपर और दाई ओर देख सकते हैं। 210 पी क्रिस्टेंसन धूमकेतु की बृहस्पति परिवार का है। यह लगभग 5.7 वर्ष में सूर्य की परिक्रमा पूरी करता है। नवंबर के अंत में पृथ्वी के करीब से गुजरेगा। इसे टेलिस्कोप की मदद से ठीक तरीके से देख सकते हैं। |