संवाद सूत्र, निगोहां (लखनऊ)। मस्तीपुर गांव में मंगलवार को सातवीं के छात्र अंश ने फंदे से लटककर जान देदी। शव लटकता देख चीखपुकार मच गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लिया, लेकिन शव के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। इंस्पेक्टर निगोहां अनुत तिवारी ने बताया कि बच्चे के पास मोबाइल भी नहीं था। ऐसे में मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मां पूनम ने बताया कि वह पीजीआइ इलाके में साफ-सफाई का काम करती है। ऐसे में मंगलवार सुबह खाना बनाकर काम पर चली गई थी। शाम को जब घर लौटी तो देखा कि घर का दरवाजा बंद है। काफी देर तक आवाज लगाई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। दरवाजा न खुलने पर आसपास के लोगों को बुलाकर दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर बेटे को फंदे पर लटकते हुए देख बेसुध हो गई। चीख-पुकार गई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। इंस्पेक्टर ने बताया कि बच्चे की मां और आसपास पूछताछ करने पर मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। पूरे मामले की जांच गहनता से की जा रही है। वही, मौत की सूचना पर पहुंची पुलिस ने छोटे भाई आदर्श ने पूछने पर बताया कि उसने दोपहर में दो बार खाना खाने के लिए दरवाजा खटखटाया और भइया अंश को आवाज भी लगाई। दरवाजा न खुलने पर गांव में दूसरे मोहल्ले में खेलने के लिए चला गया था। दोस्त व अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है।
इसी कमरे में पिता ने भी किया था सुसाइढ
अंश के परिवार में मां पूनम और छोटा भाई आदर्श है। जांच में सामने आया कि पिता महेश ने करीब दो वर्ष पहले इसी कमरे में फंदे से लटककर जान देदी थी। उसी कमरे में बेटे का शव लटकता देख मां किसी बात ही नहीं कर रही है। पिता की मौत के बाद मां पूनम घर का खर्च चलाने के लिए पीजीआइ इलाके में चौका-बर्तन का काम करती हैं। |