Zoho के Arattai की खूब हुई थी चर्चा, WhatsApp का बताया जा रहा था विकल्प; क्या अब खत्म हो गई चार दिन की चांदनी?
नई दिल्ली। Zoho को लेकर अक्टूबर में खूब चर्चा हुई। लोगों ने सोशल मीडिया पर इसके अलग-अलग प्रोडक्ट्स को लेकर कई तरह की बातें लिखीं। उस समय लग रहा था कि सच में भारत ने विकल्प खोज लिया है। माइक्रोसॉफ्ट से लेकर गूगल और Meta के प्रोडक्ट्स को टक्कर देने की बात कही जा रही थी। लेकिन अब Zoho की चर्चा धीमी पड़ गई है। जोहो का एक प्रोडक्ट है Arattai। इसे व्हाट्सएप का विकल्प कहा जा रहा था।
भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो द्वारा लॉन्च किया गया WhatsApp का मुकाबला करने वाला ऐप अरत्ताई, Google Play और Apple के ऐप स्टोर दोनों पर भारत के टॉप 100 ऐप्स से बाहर हो गया है। चार्ट में टॉप पर पहुंचने के मुश्किल से एक महीने बाद ही ऐसा हुआ है। Zoho के अरत्ताई का टॉप 100 से बाहर होना मेटा के WhatsApp के दबदबे को चुनौती देने में आने वाली मुश्किलों को दिखाता है। 4 नवंबर तक, यह मैसेजिंग ऐप Google Play पर 105वें और ऐप स्टोर पर 123वें नंबर पर था, जो अक्टूबर के बीच में मिली टॉप पोजीशन से काफी नीचे गिर गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
क्या खत्म हो गई चार दिन की चांदनी?
जोहो के सैकड़ों प्रोडक्ट हैं। इन प्रोडक्ट्स के जरिए Zoho विदेशों से बड़ा बिजनेस लाता है। हालांकि, अब भारत सरकार ने इसके प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करना शुरू कर दी है। गूगल के जीमेल की जगह सरकार धीरे-धीरे करके जोहो के जोहोमेल का इस्तेमाल शुरू कर रही है। कई दफ्तरों मेंं यह शुरू भी हो गया है। वहीं, मेटा के WhatsApp को टक्कर देने के लिए Arattai भी खूब चर्चा में था। बहुत से लोगों ने इसे अक्टूबर में डाउनलोड भी किया था। लेकिन कुछ दिनों में इससे लोगों ने किनारा करना शुरू कर दिया।
यह भी पढ़ें- IIT कानपुर से पढ़े लड़कों ने खड़ा किया ₹23846 करोड़ का साम्राज्य, 3 दोस्तों ने ऐसे बनाई Urban Company
अक्टूबर 2025 में Arattai के डाउनलोड्स बढ़कर 13.8 मिलियन हो गए, जो सितंबर में 2.63 मिलियन से काफी ज्यादा थे। हालांकि, यह तेजी ज्यादा समय तक नहीं रही, नवंबर में डाउनलोड्स गिरकर सिर्फ 195,519 रह गए (4 नवंबर तक), जिससे पता चलता है कि शुरुआती क्रेज के बाद लोगों की दिलचस्पी कम हो गई। मंथली एक्टिव यूजर्स (MAUs) भी इसी ट्रेंड को दिखाते हैं। अरत्ताई के MAUs सितंबर में 1.17 मिलियन से बढ़कर अक्टूबर में 4.35 मिलियन हो गए, और फिर नवंबर में थोड़े कम होकर 4.09 मिलियन रह गए।
एक तरफ हम भारतीय प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं और दूसरी ओर हम उन्हीं प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करने से हिचक रहे हैं। वहीं, फेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी जमी-जमाई कंपनियों को सीधी टक्कर देना भी आसान नहीं है। जोहो का मेन बिजनेस तो सॉफ्टवेयर बनाने का ही है। लेकिन Arattai बनाकर Zoho ने भारतवासियों को व्हाट्सएप का विकल्प दिया। कुछ दिनों के लिए लोगों ने इसमें दिलचस्पी भी दिखाई। लेकिन अभी इस ऐप को व्हाट्सएप की तरह मार्केट में जगह बनाने के लिए और संघर्ष करना पड़ेगा।
यह भी पढ़ें- गांव के लड़के ने बिना फंडिंग के बना डाली ₹100000 करोड़ की कंपनी, ऐसा होने पर अंबानी-अदाणी भी हो सकते हैं पीछे |