जम्मू में दरबार मूव से यातायात व्यवस्था चरमराई, शहर जाम से बेहाल।
जागरण संवाददाता, जम्मू। दरबार मूव के पहले ही दिन शहर की सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए। सोमवार सुबह से ही जानीपुर, तवी पुल, डोगरा चौक, केनाल रोड, गांधी नगर, नरवाल चौक और पनामा चौक जैसे प्रमुख मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। दफ्तर और स्कूल जाने वालों को घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ट्रैफिक पुलिस के जवान जगह-जगह तैनात रहे, लेकिन वाहनों की संख्या के आगे उनकी तैयारियां नाकाफी साबित हुईं। दरअसल, दरबार मूव के चलते सरकारी दफ्तरों का जम्मू स्थानांतरण हुआ है। इसी कारण सुबह से ही सरकारी वाहनों, निजी गाड़ियों और सामान ढोने वाले ट्रकों की भीड़ शहर की सड़कों पर बढ़ गई। कई जगहों पर तो जाम इतना गंभीर रहा कि लोगों को पैदल ही अपने गंतव्य तक जाना पड़ा।
जाम का सबसे बड़ा कारण सड़क किनारे खड़े अवैध वाहन और दुकानदारों द्वारा किया गया अतिक्रमण बताया जा रहा है। शहर के कई इलाकों में फुटपाथ और सड़क किनारे दुकानें फैल गई हैं, जिन पर कार्रवाई के दावे तो बार-बार होते हैं, पर अमल नजर नहीं आता। ट्रैफिक पुलिस, जम्मू नगर निगम और जिला प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई के बावजूद स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। डोगरा चौक और केनाल रोड क्षेत्र में दोपहिया वाहनों की अव्यवस्थित पार्किंग ने यातायात को और अधिक प्रभावित किया। पनामा चौक से लेकर नरवाल तक ट्रकों की लंबी कतारों के कारण छोटे वाहन घंटों तक फंसे रहे।
लोगों का कहना है कि पुलिस-प्रशासन को दरबार मूव से पहले यातायात प्रबंधन की ठोस योजना बनानी चाहिए थी। अब जबकि आने वाले दिनों में दफ्तरों का कामकाज पूरी तरह से शुरू होगा, ऐसे में यातायात दबाव और बढ़ने की आशंका है। स्थानीय नागरिकों ने मांग की है कि शहर की मुख्य सड़कों से अवैध पार्किंग और अतिक्रमण को तुरंत हटाया जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके।
अवैध पार्किंग और अतिक्रमण से बढ़ी यातायात की समस्या
शहर में दरबार मूव के दौरान जाम की सबसे बड़ी वजह सड़क किनारे लगे अवैध वाहन और दुकानदारों द्वारा किया गया अतिक्रमण है। पुराना शहर, जानीपुर, डोगरा चौक, गांधी नगर और केनाल रोड जैसे इलाकों में फुटपाथों तक दुकानों ने कब्जा कर रखा है, जिससे सड़कें संकरी हो गई हैं।
ट्रैफिक पुलिस, जम्मू नगर निगम और जिला प्रशासन द्वारा कई बार अभियान चलाने के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। अवैध पार्किंग और ठेलों के कारण मुख्य सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बाधित होती रहती है। यदि इन अतिक्रमणों को जल्द नहीं हटाया गया तो आने वाले दिनों में जाम की समस्या और भी विकराल रूप ले सकती है।
64 चौराहों पर शोपीस बने स्मार्ट सिग्नल ने बढ़ाई और परेशानी
जम्मू मूव के पहले दिन लगे जाम का मुख्य कारण शहर के 64 चौराहों में लगे स्मार्ट सिग्नल का खराब होना भी है। ट्रैफिक सिग्नल लाइट बंद होने से यातायात व्यवस्था और चरमरा गई। ट्रैफिक व्यवस्था के पटरी से उतरने के कारण दिनभर चौक-चौराहों पर लंबा जाम लगता रहा। जम्मू स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत जम्मू नगर निगम ने कुछ वर्ष पूर्व 64 चौराहों (इंटरसेक्शन) पर इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिग्नल प्रणाली स्थापित की थीं।
ॉइस पूरे आयोजन पर लगभग 14.51 करोड़ रुपये का खर्च किया गया था। इस राशि में सिग्नल प्रकाश व्यवस्था, नियंत्रण कक्ष, संचार व्यवस्था व अन्य उपकरण शामिल थे। इन 64 सिग्नल लाइटों में से अधिकांश अब काम नहीं कर रही हैं।
इस स्थिति का कारण यह है कि स्मार्ट सिटी की आरंभिक शर्तों में सिग्नल लगाने वाली कंपनी को वार्षिक रखरखाव का ठेका दिया गया था, लेकिन जब यह जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस को सौंप की गई, तो मरम्मत के ठेका देने में पुलिस मुख्यालय की ओर से अनियंत्रित देरी हो गई। इस देरी के कारण सिग्नल कई माह से निष्क्रिय पड़े हुए हैं। |