4 नवंबर से एसआईआर प्रक्रिया की शुरुआत हो रही है (फोटो: जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने 27 अक्टूबर को देश के 12 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के दूसरे फेज का एलान किया था। शेड्यूल के मुताबिक, 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक फॉर्म प्रिंटिंग और ट्रेनिंग का काम होना था। अब आज यानी 4 नवंबर से एसआईआर प्रक्रिया की शुरुआत हो रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
4 नवंबर से 4 दिसंबर तक बीएलओ घर-घर जाकर एसआईआर का फॉर्म बांटेंगे और फिर इसी के आधार पर 9 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की जाएगी। चुनाव आयोग ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रूफ नहीं है, लेकिन इसे एसआईआर प्रक्रिया में पहचान प्रमाण पत्र के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
ऐसे में एसआईआर के दौरान आपको इन 11 दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी...
- केंद्र या राज्य सरकार या पीएसयू के नियमित कर्मचारी या पेंशनभोगी को जारी किया गया कोई भी पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश
- 1 जुलाई, 1987 से पहले सरकार/स्थानीय प्राधिकरण/बैंक/डाकघर/एलआईसी/पीएसयू द्वारा जारी कोई भी पहचान पत्र, प्रमाण पत्र या दस्तावेज
- जन्म प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट
- मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी मैट्रिकुलेशन या शैक्षिक प्रमाण पत्र
- स्थायी निवास प्रमाण पत्र
- वन अधिकार प्रमाण पत्र
- ओबीसी/एससी/एसटी या कोई भी जाति प्रमाण पत्र
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर
- राज्य या स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा तैयार किया गया परिवार रजिस्टर
- सरकार द्वारा जारी कोई भी भूमि या मकान आवंटन प्रमाण पत्र
कहां-कहां हो रहा एसआईआर?
- अंडमान निकोबार द्वीपसमूह
- छत्तीसगढ़
- गोवा
- गुजरात
- केरल
- लक्षद्वीप
- मध्य प्रदेश
- पुड्डचेरी
- राजस्थान
- तमिलनाडु
- उत्तर प्रदेश
- पश्चिम बंगाल
एसआईआर का क्या है शेड्यूल?
- गणना पत्रों की छपाई व बीएलओ को प्रशिक्षण- 28 अक्टूबर 2025 से तीन नवंबर 2025 तक।
- घर-घर जाकर पुनरीक्षण का काम- चार नवंबर 2025 से चार दिसंबर 2025 तक।
- मतदाता सूची के मसौदे का प्रकाशन- 09 दिसंबर 2025
- दावे और आपत्तियों का समय-09 दिसंबर 2025 से 08 जनवरी 2026 तक।
- दस्तावेजों की जांच के लिए नोटिस, सुनवाई, सत्यापन: 09 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक
- अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन- 07 फरवरी 2026
एसआईआर क्यों जरूरी?
आयोग ने इस दौरान बताया कि एसआइआर क्यों जरूरी है। आयोग के मुताबिक बदलते शहरीकरण में लोगों का तेजी से विस्थापन हो रहा है। यह इसकी एक बड़ी वजह है। दूसरा इसके चलते कई जगहों पर लोगों के मतदाता सूची में दो-दो जगह से नाम दर्ज है। तीसरा मतदाता सूची में मतदाताओं के मृत होने के बाद भी नामों का हटाया न जाना है।
चौथी वजह देश के तमाम हिस्सों में गलत तरीके से घुसपैठ करके बड़ी संख्या में लोगों ने मतदाता सूची में गलत तरीके से नाम जुड़वा लिया है। एसआइआर के दौरान इन सभी पहलुओं की गंभीरता से जांच हो सकेगी।
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