राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य में अगले दो वर्षों में करीब छह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश को धरातल पर उतारने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए नवंबर में प्रस्तावित ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी)-5 में पांच लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को धरातल उतारने का लक्ष्य रखा गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
साथ ही जीबीसी-4 की लंबित चल रही करीब एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को भी अगले वर्ष तक धरातल पर उतारने के लक्ष्य पर इन्वेस्ट यूपी की टीम काम कर रही है।  
 
जीबीसी-4 में 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की 14,701 परियोजनाओं को धरातल पर उतारने को लेकर भूमि पूजन किया गया था। इनमें से अभी तक करीब 90 प्रतिशत परियोजनाएं ही धरातल पर उतारी जा सकी हैं।  
 
लंबित परियोजनाओं को अगले छह माह में धरातल पर उतारने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। इन्वेस्ट यूपी की टीमें लंबित परियोजनाओं की समीक्षा कर जल्द से जल्द उनका काम पूरा कराने की कोशिश में लगी हैं।   
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निवेश को जल्द से जल्द धरातल पर उतारने के लिए पिछले दिनों इन्वेस्ट यूपी के पुनर्गठन को मंजूरी दी है। साथ ही सीईओ विजय किरन आनंद को उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन से लेकर एनओसी जारी करने की प्रक्रिया निर्धारित समय में पूरी की जा सके।  
 
वर्तमान में विभिन्न औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के पास 25,000 एकड़ से अधिक ग्रीनफील्ड भूमि तथा 6,300 एकड़ से अधिक रेडी-टू-मूव (निवेश के लिए तैयार) भूमि उपलब्ध है। 33,000 से अधिक औद्योगिक भूखंडों का सर्वेक्षण का कार्य भी पूरा किया जा चुका है।  
 
इन्वेस्ट यूपी ने जीबीसी-5 को लेकर निवेशकों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने के बाद फिलहाल तीन सप्ताह के भीतर भूखंड का आवंटन और एनओसी जारी करने करने की प्रक्रिया पूरी करने की रणनीति तैयार की है। वहीं औद्योगिक विकास विभाग ने जीबीसी-5 के आयोजन को लेकर 29 विभागों का लक्ष्य भी तय कर दिया है। अभी तक करीब 2.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के प्रस्ताव तैयार हो चुके हैं।  
 
जीबीसी चार में आया था सबसे ज्यादा निवेश |