संवाद सहयोगी, संभल। हिंसा के मामले में पुलिस की जांच लगातार जारी है। अब तक कुल 97 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। वहीं, इनमें से 23 आरोपित अदालत से जमानत लेकर बाहर आ चुके हैं। इसमें जामा मस्जिद के सदर जफर अली भी शामिल हैं। इन जमानतशुदा आरोपितों की आवाजाही और संपर्कों की जानकारी जुटाई जाएगी और इनकी हर गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। साथ ही इन सभी को मुचलकों से पाबंद भी किया जाएगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
24 नवंबर 2024 को जामा मस्जिद में एडवोकेट कमीशनर के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा को एक वर्ष होने वाला है। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी। जबकि कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। भीड़ ने कई वाहनों आग के हवाले कर दिया था।
घटना के बाद पुलिस ने गंभीर धाराओं में सात मुकदमे दर्ज किए थे, जिनमें लगभग 3750 अज्ञात और 37 नामजद आरोपितों को चिह्नित किया गया था। इस मामले में पुलिस ने अब तक कुल 97 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं 23 आरोपित अदालत से जमानत लेकर बाहर आ चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक, यदि इनमें से किसी भी व्यक्ति के बारे में शांति भंग करने या माहौल बिगाड़ने की आशंका पाई गई तो उन्हें मुचलका भरवाकर पाबंद करने की कार्रवाई की जाएगी। जिन आरोपितों को अदालत से जमानत मिली है, उन पर अब निगरानी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अब पुलिस आरोपितों के सामाजिक संपर्क, उनके आने-जाने वाले स्थान और आपसी बैठकों की जानकारी करती रहेगी। एसपी केके बिश्नोई ने बताया कि बाहर आए लोगों पर नजर रखी जाएगी। |