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निजी डिस्कॉम के दावों पर सवाल उठाते हुए RWA ने की CAG जांच की मांग, विद्युत न्यायाधिकरण में अपील की तैयारी_deltin51

cy520520 2025-9-27 02:36:40 views 797

  बिजली कंपनियों की नियामक परिसंपत्ति की कैग जांच जरूरीः आरडब्ल्यूए





राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। निजी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) को नियामक परिसंपत्ति के भुगतान के मामले में दिल्ली के उपभोक्ता कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के प्रतिनिधि विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील कर डिस्काॅम के दावे की कैग से जांच कराने की मांग करेंगे। उनका कहना है कि बिना किसी जांच के डिस्काम के दावे को दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) ने स्वीकार कर लिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें



सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार दिल्ली की तीन निजी डिस्काम बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल), बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) को 31502 करोड़ रुपये की नियामक परिसंपत्ति का भुगतान करना है। इससे दिल्ली में बिजली 70 प्रतिशत तक महंगी हो सकती है।

आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि नियामक परिसंपत्ति के आकलन पर प्रश्न खड़े कर रहे हैं। उनका कहना है कि नियामक परिसंपत्ति दिल्ली के उपभोक्ताओं से वसूला जाना है, लेकिन उनका पक्ष नहीं सुना गया। शुक्रवार को वे विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण में जाकर इसकी शिकायत की। न्यायाधिकरण के अधिकारियों ने उन्हें अपील दायर करने की सलाह दी है।

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यूनाइटेड रेजिडेंट्स ऑफ दिल्ली (यूआरडी) के महासचिव सौरभ गांधी ने कहा, एनडीएमसी क्षेत्र में बेहतर बिजली आपूर्ति की सुविधा है, लेकिन एनडीएमसी ने नियामक परिसंपत्ति का दावा नहीं किया है। सिर्फ तीन निजी कंपनियां इसका दावा कर रही हैं। इससे निजी डिस्काम के दावे पर प्रश्न खड़े होते हैं। सचिव हेमंत शर्मा ने कहा, 2021-22 के बाद दिल्ली में बिजली का टैरिफ घोषित नहीं हुआ है। बिना टैरिफ घोषित किए डीईआरसी ने निजी कंपनियों की नियामक परिसंपत्ति का निर्धारण कैसे कर दिया?



ग्रेटर कैलाश आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि राजीव काकरिया ने भी कहा कि उपभोक्ताओं को अपना पक्ष रखने का अवसर मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लग रहा है उपभोक्ता नियामक परिसंपत्ति के दावे से सहमत हैं। माडल टाउन रेजिडेंट सोसाइटी के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि डिस्काम ने 31 हजार करोड़ रुपये से अधिक कि नियामक परिसंपत्ति किस तरह बनाई इसकी कोई जांच नहीं हुई है। इसकी कैग जांच आवश्यक है।



यह भी पढ़ें- उपभोक्ताओं पर न डाला जाए अत्यधिक बिजली बिलों का बोझ, डीईआरसी से डिस्कॉम खातों की जांच की मांग



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