दिल्लीवालों के लिए खुशखबरी, पानी के बकाया बिलों पर ब्याज माफ, कनेक्शन शुल्क में भी बड़ी कटौती_deltin51

deltin33 2025-9-27 00:06:26 views 1264
  दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की बोर्ड बैठक में लिए गए कई अहम फैसलों की घोषणा। आर्काइव





राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता कर दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की बोर्ड बैठक में लिए गए कई अहम फैसलों की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड पिछले कई वर्षों से भारी कर्ज में है, जिससे दिल्लीवासियों को बिल और नए कनेक्शन को लेकर लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।

मंत्री ने बताया कि पानी के बिलों पर ब्याज दर को घटा दिया गया है। अब तक जल बोर्ड के बिलों पर 5 प्रतिशत प्रति बिल-साइकिल कंपाउंडिंग ब्याज लगता था।



इसे घटाकर 2 प्रतिशत प्रति बिल-साइकिल कर दिया गया है। पहले 100 रुपये का बकाया बिल एक साल में 178 रुपये हो जाता था, अब वही बिल 130 रुपये में सिमट जाएगा।
बकाया पानी बिल पर ब्याज माफ

सरकारी और घरेलू उपभोक्ताओं के बकाया पानी बिल पर ब्याज माफ करने की घोषणा की गई है। यह योजना अगले माह से लागू होगी।

  • 31 जनवरी तक बिल जमा करने वालों को 100 प्रतिशत छूट मिलेगी।
  • 31 मार्च तक जमा करने वालों को 70 प्रतिशत छूट मिलेगी।


मंत्री ने बताया कि जल बोर्ड पर बकाया बिल 87,589 करोड़ रुपये है, जिसमें से 80,463 करोड़ रुपये केवल ब्याज है। इस माफी योजना के तहत विभिन्न इलाकों में कैंप लगाए जाएंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

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उन्होंने स्पष्ट किया कि यह इस सरकार के कार्यकाल की पहली और अंतिम बिल माफी योजना है। अब किसी भी प्रमाणपत्र के लिए बिजली बिल की तरह तीन माह का पानी बिल दिखाना अनिवार्य होगा। व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए छूट की घोषणा बाद में की जाएगी।
कनेक्शन शुल्क में भारी कमी

अवैध घरेलू कनेक्शन को वैध कराने पर अब 26,000 रुपये की जगह 1,000 रुपये शुल्क (31 मार्च तक) लिया जाएगा। इसके बाद फिर से 26,000 रुपये शुल्क लगेगा। अवैध व्यावसायिक कनेक्शन को वैध कराने के लिए पहले 61,500 रुपये लगते थे, अब केवल 5,000 रुपये लगेंगे।


पानी के मीटर लगाने के नियम बदले

अब अपना पानी का मीटर लगवाने वालों को अधिक विकल्प मिलेंगे। पहले केवल 1,000 लोगों को मीटर लगाने के लिए लाइसेंस दिया जाता था, जो घटकर 250 रह गया था। अब इसे बढ़ाकर 1,000 से अधिक किया जाएगा।

इसके लिए आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थाओं से बात की जाएगी। इस व्यवस्था के बाद जल बोर्ड खुद मीटर नहीं लगाएगा, जिससे एक लाख से अधिक लंबित आवेदन तेजी से निपट सकेंगे। जल बोर्ड को हर साल मीटरिंग की देरी के कारण 51,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है।


बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी

जल मंत्री ने बताया कि 3,000 करोड़ रुपये की एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) और सीवर लाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

30 सितंबर को गृह मंत्री अमित शाह ओखला एसटीपी में आयोजित कार्यक्रम में इन योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इन परियोजनाओं से 70 लाख लोगों को लाभ होगा और यमुना को साफ करने में भी मदद मिलेगी।

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