सरकार ने सेना में स्थायी कमीशन नीति का किया बचाव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को शार्ट सर्विस कमीशन (एससीसी) की महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की अपनी नीति का बचाव किया और कहा कि इस पहलू पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों का बिना किसी भेदभाव के पालन किया जा रहा है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने सेना के 84 अधिकारियों के एक बैच पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अधिकारियों ने कमीशन देने की अनुमति देने से इन्कार करने को चुनौती दी है। केंद्र और सेना की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने दलील दी कि बबीता पुनिया मामले में 2020 के फैसले और नितिशा मामले में 2021 के फैसले ने वास्तव में इस नीति को बरकरार रखा है और जो भी खामियां अभी भी थीं और अदालत द्वारा बताई गई थीं, उन्हें अंतत: ठीक कर दिया गया है।I Love Muhammad controversy,Gujarat violence,Gandhinagar clashes,Bahiyal village unrest,Minority community protest,Social media post backlash,Karnataka communal tension,Abu Azmi statement,Davangere stone pelting,60 arrests
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि सेना ने स्थायी कमीशन पर अपनी नीति में सुधार कर लिया है और नितिशा मामले में फैसले के बाद जो भी खामियां थीं, उन्हें दूर कर दिया गया है। अपनी दलीलें समाप्त करते हुए ऐश्वर्या भाटी ने कहा, \“\“कोई भी प्रक्रिया सभी को संतुष्ट नहीं कर सकती और नाराजगी तो हमेशा रहेगी।\“\“
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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