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रणजी ट्रॉफी के डेब्यू मैच में आयुष दोसेजा ने ठोका दोहरा शतक, DPL-1 में खो दिया था आत्मविश्वास

LHC0088 2025-10-17 21:08:14 views 288

  

आयुष दोसेजा ने डेब्यू मैच में जड़ा दोहरा शतक। फाइल फोटो



लोकेश शर्मा, नई दिल्ली। दिल्ली क्रिकेट का एक दौर हुआ करता था जब यहां के बल्लेबाज पूरे देश में अपनी धाक जमाते थे। वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और विराट कोहली जैसे दिग्गजों ने दिल्ली क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। अब इन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए एक नया सितारा उभरता नजर आ रहा है आयुष दोसेजा।  विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

रणजी ट्रॉफी के अपने डेब्यू मुकाबले में 23 वर्षीय बाएं हाथ के बल्लेबाज ने हैदराबाद के खिलाफ दोहरा शतक लगाकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा और दिल्ली क्रिकेट में नई जान फूंक दी। आयुष दोसेजा ने कहा कि यह मेरे जीवन की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है। मैं सकारात्मक सोच के साथ मैदान पर उतरा था।
बड़े स्कोर तक पहुंचने का था लक्ष्य

शुरुआत में विकेट जल्दी गिर गए थे, लेकिन मेरा एक ही लक्ष्य था टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाना। उन्होंने साथी खिलाड़ी सनत सांगवान के साथ 319 रनों की शानदार साझेदारी कर दिल्ली की पारी को संभाल लिया।

आयुष ने कहा कि शुरुआत में बल्लेबाजी आसान नहीं थी। गेंद स्विंग कर रही थी और पिच पर रफ्तार थी, लेकिन जैसे-जैसे मैं क्रीज पर टिकता गया, आत्मविश्वास बढ़ता गया। शतक के बाद कोच ने कहा कि लंबा खेलना है, आउट नहीं होना है। बस उसी सोच के साथ मैं खेलता गया और खुद को टाइम दिया।
विराट के साथ खेलने का सपना

बचपन में आप विराट सर के साथ खेलने का सिर्फ सपना ही देख सकते हैं। मौका बस आया और चला गया। मैं कुछ दिनों के लिए बहुत दुखी था लेकिन मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है।

इस खिलाड़ी की दिलचस्प बात यह है कि 14 साल की उम्र में आयुष का वजन 90 किलो था। उन्होंने कहा, उस वजन के साथ खेलना मुश्किल था, लेकिन जब मैं कोहली भैया को देखता, तो उनकी फिटनेस से प्रेरणा मिलती थी। तभी ठान लिया कि वजन कम करना है और अपने खेल पर मेहनत करनी है।
DPL के पहले सीजन में खेले दो मैच

रणजी ट्रॉफी तक आयुष की यात्रा आसान नहीं रही। दिल्ली प्रीमियर लीग (डीपीएल) के पहले सीजन में उन्हें सिर्फ दो ही मुकाबलों का मौका मिला। इसके बाद वह टीम से बाहर रहे और आत्मविश्वास खो बैठे। लेकिन हार नहीं मानी। कोच अजय चौधरी के मार्गदर्शन में उन्होंने अपनी फिटनेस और तकनीक पर कड़ी मेहनत की।

डीपीएल सीजन-2 में शानदार प्रदर्शन कर उन्होंने रणजी टीम में अपनी जगह पक्की की। आयुष के पिता सुमित दोसेजा एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं जबकि मां नित्या दोसेजा बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं। दोनों ने आयुष के खेल का साथ दिया।

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