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Agra : कब्जा हटाने के विरोध में बुलडोजर के आगे बैठी गईं महिलाएं, ADA ने लिया ये एक्शन

Chikheang 2025-10-15 03:36:54 views 1211

  



संवाद सूत्र, कुबेरपुर। रायपुर व रहनकलां में टाउनशिप बनाने को भूमि पर कब्जा लेने मंगलवार को पहुंची एडीए की टीम को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। महिलाएं हाथों में डंडे लेकर जेसीबी के आगे बैठ गईं। पुलिस फोर्स व एडीए के निजी सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हटाने का प्रयास किया, लेकिन उनका जोर नहीं चला। किसानों से पांच घंटे तक चली वार्ता का कोई परिणाम नहीं निकला। अंत में एडीए की टीम को बेरंग वापस लाैटना पड़ा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भूमि पर कब्जा लेने पहुंची थी टीम

एडीए द्वारा रायपुर व रहनकलां में 449 हेक्टेयर भूमि में 10 टाउनशिप बनाई जाएंगी। मंगलवार दोपहर एडीए की टीम पुलिस फोर्स और पीएसी के साथ रहनकलां में भूमि पर कब्जा लेने पहुंची थी। दोपहर करीब डेढ़ बजे टीम ने खेतों को समतल कर कब्जा लेना शुरू ही किया था कि किसान एकजुट हो गए।

एडीए द्वारा कब्जा लिए जाने का विरोध शुरू कर दिया। महिलाएं हाथों में डंडे लेकर जेसीबी के आगे बैठ गईं। उन्हें हटाने के प्रयास विफल रहे। किसानों ने आरोप लगाए कि एडीए बिना मुआजवा दिए उनकी भूमि पर कब्जा कर रहा है। पुलिस फोर्स व किसानों के मध्य तीखी तकरार भी हुई। विरोध बढ़ता देखकर अतिरिक्त पुलिस फोर्स बुला लिया गया।


किसानों व एडीए के अधिकारियों के मध्य पांच घंटे तक वार्ता का दौर चला। वार्ता विफल रहने पर भूमि पर कब्जा लेने की कार्रवाई रोक दी गई। एडीए के संयुक्त सचिव सुरेंद्र बहादुर, नायब तहसीलदार प्रियंका चौधरी, एसडीएम एत्मादपुर सुमित कुमार सिंह, तहसीलदार देवेंद्र प्रताप सिंह, नायब तहसीलदार हरीलाल चौधरी, एसीपी देवेश कुमार आदि मौजूद रहे।


एडीए उपाध्यक्ष एम. अरून्मोली ने बताया कि रायपुर व रहनकलां में भूमि पर कब्जा लेने का प्रयास दोबारा किया जाएगा। एडीए द्वारा अधिगृहीत की गई 442 हेक्टेयर भूमि में से 334 हेक्टेयर भूमि का मुआवजा किसानों को बंटवाया जा चुका है।
यह है मामला

एडीए ने रायपुर व रहनकलां में वर्ष 2009-10 में लैंड पार्सल व इनर रिंग रोड को भूमि अधिगृहीत की थी। किसानों को मुआवजे का वितरण किए बगैर वर्ष 2014 में राजस्व अभिलेखों में एडीए का नाम चढ़ा दिया गया था। एक दशक तक किसानों के आंदोलन के बाद जनवरी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में किसानों को बढ़ी दर से मुआवजा देने का निर्णय लिया गया था।
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