हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में तंबाकू का उपयोग, ई-सिगरेट और हुक्का बार को पूरी तरह समाप्त किया जाएगा। पुलिस और फ्लाइंग स्कवाड लगातार अभियान चलाकर इन पर कार्रवाई करेंगे। तंबाकू दुकानों को नियंत्रित करने और विक्रेता लाइसेंस नियमों को लागू करने के निर्देश भी दिए गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुख्यमंत्री शनिवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से आयोजित तंबाकू मुक्त युवा अभियान और 26 नई एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस के राष्ट्रीय एंबुलेंस सेवा 108 में समायोजन अवसर बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने इस अभियान की सफलता के लिए सभी जिला उपायुक्तों, विभागों और स्थानीय निकायों को निर्देशित किया। 60 दिवसीय विशेष अभियान आठ दिसंबर तक चलेगा। इसके तहत जागरूकता, रोकथाम और तंबाकू नियंत्रण कानूनों के सख्त पालन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी स्कूलों, कालेजों और विश्वविद्यालयों को तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य है। संस्थानों के भीतर या आसपास तंबाकू की बिक्री, उपयोग या विज्ञापन की अनुमति नहीं होगी। स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा महाविद्यालयों और जिला अस्पतालों में निश्शुल्क तंबाकू त्याग सेवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अलावा 109 नए दिशा केंद्रों में परामर्श सेवाएं उपलब्ध हैं।
26 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस में मिलेंगी 19 सुविधाएं
26 नई एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस में जीवन रक्षक स्वास्थ्य सेवा उपकरण जैसे ट्रांसपोर्ट वेंटिलेटर, ईसीजी मशीन, आपातकालीन एम्बू बैग, आक्सीजन सिलेंडर, रक्तचाप निगरानी मशीन सहित 19 आपातकालीन जीवन रक्षक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। राष्ट्रीय एंबुलेंस सेवा-108 योजना के अंतर्गत 241 एंबुलेंस प्रदेशभर में क्रियाशील हैं, जो आपातकालीन परिस्थितियों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही हैं।
एक सिगरेट या बीड़ी पीने से होती है 11 मिनट आयु कम
एक सिगरेट या बीड़ी पीने से व्यक्ति की आयु 11 मिनट कम हो जाती है और लगातार तंबाकू का सेवन करने से व्यक्ति 10 से 15 वर्ष पहले मौत का शिकार बन सकता है। हर वर्ष हिमाचली 250 करोड़ रुपये के तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे हैं। देश में हर साल 1.35 लाख से अधिक लोगों की तंबाकू के सेवन से मौत होती है। हिमाचल प्रदेश में पुरुषों में सबसे अधिक फेफड़ों का कैंसर पाया जाता है।
वेपिंग यानी ई-सिगरेट
वेपिंग यानी ई-सिगरेट तब होती है जब हाथ में पकड़े जाने वाले इलेक्ट्रानिक उपकरण का इस्तेमाल कर फेफड़ों में एक धुंध (वाष्प) सांस के जरिये छोड़ते हैं। ई-सिगरेट, वेप पेन या कोई अन्य इलेक्ट्रानिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम, फ्लेवरिंग, प्रोपिलीन ग्लाइकाल और अन्य एडिटिव्स से बने तरल को गर्म करके एक एरोसोल बनाता है जिसे मुंह से सांस के जरिए अंदर लेते हैं। वेपिंग से सांस लेने में समस्या, अंगों को नुकसान, लत और अन्य बीमारियां हो सकती हैं। हिमाचल में यह 18 से 30 वर्ष के युवाओं में ज्यादा देखी जा रही है।
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