पराली अवशेष जलाने को लेकर सतर्क हुआ प्रशासन।
जागरण संवाददाता, सुलतानपुर। पराली अवशेष जलाने को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की अध्यक्षता में एक सेल का गठन किया गया है। इस सेल में राजस्व, पुलिस व कृषि विभाग के अधिकारी शामिल किए गए हैं। जो निरंतर निगरानी करेंगे। इसके अतिरिक्त न्याय पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधान सहित राजस्व व पुलिस कार्मिकों का नामित किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पराली जलाने की घटना प्रकाश में आने पर वह सभी जिम्मेदार होंगे। किसी प्रकार की शिथिलता पर उन्हें कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। ग्राम प्रधानों को भी पूर्ण रूप से उत्तरदायी माना जाएगा।
न्याय पंचायत स्तर पर संबंधित ग्राम पंचायतों के लेखपाल, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, थाना अध्यक्ष को पराली न जलने देने की जिम्मेदारी दी गई है।
हरित अधिकरण के निर्देश के अनुसार दो एकड़ से कम पर पांच हजार रुपये प्रति घटना, दो से पांच एकड़ तक 10 हजार रुपये प्रति घटना, इससे अधिक होने पर 30 हजार रुपये प्रति घटना पर अर्थ दंड लगाया जाएगा।
साथ ही सरकारी विभागों से मिलने वाले लाभों से वंचित कर दिया जाएगा। कहीं भी कोई घटना होती है तो इसकी सूचना तत्काल एसडीएम व तहसीलदार को देनी होगी।
नामित कार्मिकों को अभी से गांव-गांव किसानों को जागरूक करने और उन्हें बनाए गए कानून की जानकारी देने के लिए निर्देशित किया गया है।
डीडी कृषि रामाश्रय यादव न बताया कि मुख्य विकास अधिकारी कर तरफ से अधिकारियों व कार्मिकों को निर्देशों के अनुपालन के लिए निर्देशित किया गया है। |