deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Odisha Rain: बारिश में अब नहीं मिलता सुकून, अव्यवस्था की वजह से हर बूंद बन चुकी है आफत

Chikheang 2025-10-11 18:06:45 views 913

  Rains (3)



शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। एक समय था जब शहर के लोग बारिश आते ही कप में कॉफी लेकर बालकनी में बैठते थे, बारिश की बूंदों का आनंद लेते थे और बारिश व कॉफी कप की तस्वीरें स्टेटस पर डालते थे।

राजधानी की बारिश कभी कुछ अमीरों के लिए आनंद का अवसर होती थी, तो निचले इलाकों के लोगों के लिए वही बारिश बनती थी भयानक दुश्मन,लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल गए हैं।

अगर आप इस साल की या पिछले 2-4 सालों की बारिश और उससे जूझते शहरियों की हालत देखेंगे, तो समझ जाएंगे कि अब राजधानी की बारिश किसी को नहीं छोड़ती — न गरीब को, न अमीर को। जो भी सड़क पर होगा, वह फंसेगा, डूबेगा, बहेगा या कुछ घंटों के लिए नदी में बदल चुकी सड़कों पर तड़पेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

आज की स्थिति यह है कि राजधानी में अगर एक घंटे भी तेज़ बारिश हो जाए, तो हालात भयावह हो जाते हैं। पूरा भुवनेश्वर पानी-पानी हो जाता है। लगातार बारिश के बाद हर तरफ पानी ही पानी... घर के अंदर पानी, घर के बाहर पानी।

सड़क पर पानी, पुल के नीचे पानी और अब तो पुल के ऊपर भी पानी... हालात ऐसे हो जाते हैं कि सड़कों पर गाड़ियां बंद हो जाती हैं। शहर समंदर जैसा दिखता है और सड़कें नदी सी लगती हैं। कहीं बड़ी-बड़ी गाड़ियां पानी में धंसी नज़र आती हैं, तो कहीं बाइक जैसी गाड़ियां नाव बनकर बहती दिखाई देती हैं।

पानी ने शहरियों की ज़िंदगी को पूरी तरह जाम कर दिया है। इस महाप्रलय जैसे पानी से जान बचाकर घर लौटना एक बड़ा संघर्ष बन जाता है। बादलों के तांडव और जल-प्लावित शहर को देखकर लगता है, \“भुवनेश्वर में रहना शायद गलती थी... गांव का जीवन ज्यादा अच्छा था।\“

कभी समय था जब बाढ़ या तूफ़ान की खबर सुनते ही गांव के लोग डर जाते थे। लेकिन भुवनेश्वर के लोग चिंता नहीं करते थे — क्योंकि वे बड़े-बड़े पक्के मकानों में रहते थे। उन्हें लगता था कि न वे बहेंगे, न डूबेंगे, लेकिन जो लोग शहर और गांव की तुलना करते थे, उनके लिए अब शहर का जीवन बेहद कठिन हो गया है।

बारिश और तूफ़ान दीवारों वाले घर को शायद कम नुकसान पहुंचाएं, लेकिन बारिश सड़कों को डुबो देती है, घरों में पानी भर देती है। इसलिए अब शहर में भी बारिश से कोई राहत नहीं।

शुक्रवार देर शाम का ही हाल देख लीजिए। राजधानी का मौसम अचानक बदल गया। घना अंधेरा छा गया। तेज़ गड़गड़ाहट, चकाचौंध बिजली। एक ओर काली घटा, दूसरी तरफ मूसलाधार बारिश। अचानक मौसम पलटा और भुवनेश्वर बेहाल हो गया।

एक घंटे से अधिक समय तक बारिश ने जमकर कोसा। न थम रही थी, न रुक रही थी। लगातार भारी बारिश ने राजधानी को डूबो दिया। सड़कों ने नदी का रूप ले लिया। लोग पानी में फंस गए।

सिर्फ भुवनेश्वर ही क्यों — जरा-सी बारिश में अब हर शहर की हालत बुरी हो जाती है। तेज़ बारिश के बाद निचले इलाकों में जल तांडव मच जाता है। दयनीय दृश्य सामने आते हैं। लगातार बारिश शहरियों की आंखों में आंसू ला देती है।

पानी-पानी के कारण लोगों की नींद गायब हो जाती है। न जाने किसके घर में चूल्हा नहीं जलता, कोई रातभर भूखा सोता है। ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाले लोग पूरी रात जागते हुए बिताते हैं। कुछ दिन पहले कोलकाता से ऐसी ही तस्वीरें आई थीं, और पिछले साल भुवनेश्वर में लोगों ने चारपाई पर सामान रखकर रात काटते हुए दृश्य पूरे राज्य ने देखा था।

like (0)
ChikheangForum Veteran

Post a reply

loginto write comments
Chikheang

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
128200