कचरा निस्तारण की उचित व्यवस्था नहीं होने व जलजमाव से लोग परेशान। फोटो जागरण
संवाद सूत्र, गोरेयाकोठी (सिवान)। बसंतपुर नगर पंचायत बनने के बाद लोगों को उम्मीद जगी कि अब उनकी मूलभूत सुविधाओं का उचित ख्याल रखा जाएगा और उन्हें काफी सुविधाएं मिलेंगी। कुछ मामलों में ऐसा हुआ भी। लेकिन कई ऐसे कारण भी हैं कि नगर पंचायत के लोग अभी भी अपने को ठगा महसूस करते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बसंतपुर नगर पंचायत के 11 वार्डों में रोजाना सुबह कचरे का उठाव तो होता है लेकिन उसे भगवानपुर हाट प्रखंड की सीमा पर स्थित मलमलिया नहर पुल के नजदीक इकट्ठा किया जाता है।
बताते हैं कि प्रतिदिन तीन-चार ट्रैक्टर कचरे का उठाव होता है। कचरा निस्तारण की सुविधा नहीं होने पर इसे मलमलिया नहर पुल के समीप एकट्ठा कर दिया जाता है।
कचरा का उठाव में प्रतिदिन करीब 25 हजार रुपये खर्च आते हैं। उस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को कचरे की दुर्गंध से बचने के लिए नाक पर कपड़े रखने पड़ते हैं।
इसके अलावा, नगर पंचायत की सबसे बड़ी समस्या जलजमाव से ही जुड़ी है। थाना मार्ग होते हुए रामजानकी मंदिर जाने वाले मार्ग, बसंतपुर-महाराजगंज मार्ग आदि जगहों पर हमेशा जलजमाव की स्थिति हो जाती है और इसमें कचरे होने से दुर्गंध देने लगता है।
इसके लिए पाइप के माध्यम से टैंकर द्वारा जलनिकासी कराई जाती है। सबसे दयनीय स्थिति सेंट्रल बैंक की शाखा के पीछे वार्ड पांच के मोहल्ले की है।
तेज वर्षा होने पर कई वर्षों से वहां दो से तीन फीट पानी जमा हो जाता है। इससे दर्जनों लोग प्रभावित होते हैं। ज्यादा दिनों तक पानी जमा रहने से लोग बीमारियों की भी चपेट में आते हैं।
वार्ड के लोगों का कहना है कि नगर पंचायत को किसी माध्यम से जलनिकासी की व्यवस्था करनी चाहिए। वहीं जब तक जलनिकासी न हो आवश्यक दवाओं का छिड़काव व फागिंग की व्यवस्था होना चाहिए।
इससे लोग अपने को कुछ हद तक सुरक्षित समझेंगे। नगर पंचायत क्षेत्र में कई जगहों पर सड़क व नाले का निर्माण भी हुआ है और कार्य जारी है। लेकिन लोगों की नजर में यह नाकाफी है। |
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