राज्य ब्यूरो, पटना। महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर वामपंथी दलों की तस्वीर साफ होती दिख रही है। माकपा को चार, भाकपा को आठ और भाकपा-माले को 19 सीटें मिल सकती हैं, लेकिन माले से चार सीटिंग सीट को छोड़ने का प्रेशर भी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसमें औराई, तरारी, घोसी और पालीगंज शामिल है। इन सीटों पर राजद और कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, इन चार सीटों को भाकपा-माले छोड़ने के लिए कतई तैयार नहीं है।
महागठबंधन के समन्वय समिति के एक सदस्य ने बताया कि वामपंथी दलों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला साफ है। सीटों के बंटवारे में जो देरी है वो कांग्रेस और विकासशील इंसान पार्टी को लेकर है।
हालांकि, भाकपा और माकपा भी क्रमश: तीन और दो अतिरिक्त सीटों की मांग को लेकर जोर लगाए है। भाकपा को तेघड़ा, बखरी, बछवाड़ा, बांका, झंझारपुर, रुपौली, बेलदौर और हरलाखी सीट देने पर सहमति बनी है। इसमें तेघड़ा (रामरतन सिंह) और बखरी (सूर्यकांत पासवान) उसकी सीटिंग सीट है।
वैसे भाकपा द्वारा वारिसनगर, बिहारीशरीफ और गोह सीट पर दावेदारी की जा रही है। इसी तरह माकपा को पिपरा, मांझी, मटिहानी और उजियारपुर सीट देने पर सहमति है। इसमें उजियारपुर (अजय कुमार) और माझी (सत्येन्द्र यादव) उसकी सीटिंग सीट है।
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