योगी आदित्यनाथ सरकार ने दी ब्रिज कोर्स को मंजूरी
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने दीपावली पर प्रदेश के बीएड डिग्री धारकों को बड़ा उपहार दिया है।
सरकार ने बीएड डिग्री धारकों के हित में बड़ा फैसला लिया है। पीडीपीईटी कोर्स के लिए आवेदन प्रक्रिया एक नंवबर से शुरू की जा रही है। यह मामला वर्ष 2005 से लंबित था। उस समय B.Ed अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं किया गया था, जिससे हजारों उम्मीदवार वर्षों तक पात्रता को लेकर संघर्ष करते रहे। सरकार के इस निर्णय से अब उन्हें न्याय और अवसर दोनों मिलने जा रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग ने बीएड डिग्री वालों के लिए Professional Development Programme for Elementary Teachers (PDPET) कोर्स को मंजूरी दे दी है। इस ब्रिज कोर्स को पूरा करने के बाद बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियों को बीटीसी के बराबर मान्यता मिल जाएगी। इससे वह प्राइमरी कक्षाओं यानी कक्षा एक से 5 तक के छात्रों को पढ़ाने के लिए भी पात्र हो जाएंगे।
छह महीने के ब्रिज कोर्स PDPET काे NIOS कर सकता है संचालित
असल में प्राथमिक शिक्षकों के लिए व्यावसायिक विकास कार्यक्रम( Professional Development Programme for Elementary Teachers) छह महीने का ब्रिज कोर्स है। इस कोर्स का संचालन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल (NIOS) करता है। असल में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए इस ब्रिज कोर्स को तैयार किया गया है, जिसमें मुख्य तौर पर बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थियों को प्राइमरी कक्षाओं के टीचिंग मैथर्ड के बारे में बताया जाता है, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। यानी यूपी में इस ब्रिज कोर्स को करने वाले बीएड डिग्री वाले अभ्यर्थी प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के पात्र होंगे।
एक से शुरू हो रही आवेदन प्रक्रिया
NIOS छह महीने के ब्रिज कोर्स PDEPT के लिए आवेदन प्रक्रिया आयोजित करता है। अगले सत्र में दाखिला के लिए एक नंवबर से आवेदन किया जा सकता है। आवेदन NIOS की आधिकारिक वेबसाइट dledbr.nios.ac.in पर जाकर किया जा सकता है। छह महीने का यह ब्रिज कोर्स ऑनलाइन उपलब्ध है। कोर्स में दाखिला लेने के बाद ट्रेनिंग दिसंबर 2025 से मई 2026 तक चलेंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने बीएड डिग्री को प्राइमरी कक्षाओं के लिए माना था अपात्र
सुप्रीम कोर्ट ने बीते वर्ष एक अहम आदेश में बीएड डिग्री को प्राइमरी कक्षाओं यानी कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए अपात्र माना था। शीर्ष कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि बीएड डिग्री धारी प्राइमरी कक्षाओं यानी कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को नहीं पढ़ा सकेंगे। प्राइमरी कक्षाओं को बीटीसी-डीएलएड वाले ही पढ़ा सकेंगे। इससे बड़ी संख्या में बीएड डिग्रीधारी प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने के लिए अपात्र हो गए थे। |