सरकार के आदेश- किसान को जितनी खाद की जरूरत है उसे जमीन के मुताबिक दी जाए।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। डीएपी और यूरिया की कालाबाजारी रोकने तथा किसानों की सुविधा के लिए हरियाणा सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है। किसान डीएपी और यूरिया तथा अन्य उर्वरक की खरीद ऑनलाइन कर सकेंगे। यह प्रक्रिया प्रदेश के कई जिलों में आरंभ भी हो चुकी है। बुकिंग होने के बाद उन्हीं किसानों को डीएपी और यूरिया मिलेगी जिन्होंने फसल का पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर दर्ज करा दिया है। खाद विक्रेता के पास रहेगा डाटा, जिसका मिलान करने के बाद उर्वरक की बोरी वह किसान को दे देगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इससे अवैध रूप से डीएपी और यूरिया को बेचने पर पाबंदी लग सकती है। इसके अलावा किसानों की परेशानी कम होगी तथा पात्र व्यक्ति के नाम पर दूसरा व्यक्ति उर्वरक सरकारी केंद्र से नहीं ले पाएगा। प्रदेश के कई जिलों में किसान डीएपी और यूरिया को लेकर परेशान हो रहे हैं। उनकी परेशानी को लेकर विपक्ष के नेता सरकार को घेरने लिए मुद्दा बना रहे हैं। खाद वितरण में पारदर्शिता रहे इसके लिए नायब सरकार ने किसानों को ऑनलाइन सुविधा दी है।
शिकायत यह भी आ रही कि हरियाणा से जुड़े राजस्थान और उत्तर प्रदेश के जिलों के किसान भी अवैध तरीके से हरियाणा से खाद ले जा रहे हैं। वह कुछ खाद विक्रेताओं से मिलीभगत कर खेल कर रहे हैं। अवैध बिक्री को बंद करने के लिए ही सरकार ने तय कर दिया है कि खाद विक्रेता प्रतिदिन के स्टाॅक की की जानकारी जिला कृषि अधिकारी के माध्यम से उपायुक्त को भेजेंगे। यह भी सरकार की ओर से तय कर दिया गया है कि किसान को जितनी खाद की जरूरत है उसे जमीन के मुताबिक दी जाए। एक दो बोरी ही देने की बंदिश नहीं है।
हरियाणा में रबी के सीजन में 25 लाख हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई होनी है। अभी सभी खाद का स्टाक 3.82 लाख टन है। प्रदेश को केंद्र से 18 लाख टन खाद और मिलेगी जिसमें 11.60 लाख टन यूरिया तथा 2.70 लाख टन डीएपी तथा अन्य उर्वरक शामिल है। |