राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि अखिलेश की आजम खां से मुलाकात राजनीतिक मजबूरी का नतीजा है। उन्हें इस बात का डर है कि शिवपाल सिंह यादव और आजम मिलकर कोई खेल न कर दें, इस वजह से वह आजम से मिलने रामपुर पहुंच गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
राजभर ने कहा कि आजम 23 महीने जेल में रहे, लेकिन अखिलेश एक बार भी उनसे मिलने नहीं गए। अब जेल से छूटने पर उन्हें आजम की याद आई है। गौरतलब है कि राजभर भले ही यह आरोप लगा रहे हों लेकिन अखिलेश पिछले वर्ष मार्च में आजम से जेल में मिलने गए थे।
बकौल राजभर सपा नेताओं व कार्यकर्ताओं में शिवपाल सिंह यादव और आजम की गहरी पकड़ है। यही अखिलेश के डर का कारण है। तंज कसते हुए कहा है कि आजम की शर्त थी कि अखिलेश उनकी देहरी पर पहुंचकर नाक रगड़ें और अखिलेश रामपुर पहुंच गए। रामपुर जाकर अखिलेश ने यह संकेत दिया है कि अब वह कमजोर स्थिति में हैं और आजम जैसे वरिष्ठ नेता की जरूरत महसूस कर रहे हैं।
मुलाकात महज वोटबैंक की सियासत
सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि 23 महीने तक जेल में रहे आज़म की सुध लेने की बजाय अब जमानत के बाद अखिलेश \“घड़ियालू आंसू\“ बहाने रामपुर पहुंचे हैं। यह सपा की मुस्लिम वोटबैंक साधने की सियासी मजबूरी है।
राठौर ने कहा है कि वोटबैंक खिसकता देख अखिलेश यादव अब आज़म से मिलने गए, यह महज राजनीतिक स्टंट है। दयाशंकर ने कहा है कि वोटबैंक के खिसकने का डर अखिलेश को रामपुर ले गया।
अखिलेश के दिल में मुसलमानों के लिए कोई जगह नहीं
राज्यमंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने कहा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव मुसलमानों को गुमराह करने की नीयत से रामपुर पहुंचे। समाज देख रहा है कि यह एक राजनीतिक स्टंट है। अखिलेश को आज़म केवल वोट मांगने और मुसलमानों को गुमराह करने के लिए याद आते हैं।
अखिलेश के दिल में मुसलमानों के लिए कोई जगह नहीं है। दावा किया कि अखिलेश और आज़म के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। पहले बिहार और फिर यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए अखिलेश मुसलमानों को गुमराह करने के लिए यह ढोंग कर रहे हैं। |