राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अब बदमाशों के लिए लखनऊ की सीमा के अंदर अपराध करके भाग पाना मुश्किल होगा। पुलिस के टेलीकाम विभाग ने 1142 हैंड हेल्ड रेडियो सेट (वाकी-टाकी) को अपग्रेड करके इसकी रेंज 1.5 किलोमीटर से बढ़ाकर 35 वर्ग किलोमीटर कर दी है। यह सेट पुलिस थानों में कबाड़ के रूप में पड़े थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मोबाइल आने के बाद इनका इस्तेमाल लगभग बंद हो गया था। उत्तर प्रदेश पुलिस में यह पहला प्रयोग है जब पुलिस ने अपने पुराने उपकरणों को अपग्रेड किया है। इससे हर थाने और बीट सिपाही अब सीधे एक दूसरे को अपराधियों के बारे में सीधी सूचना दे सकेंगे।
डीजी टेलीकाम आशुतोष पांडेय ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस को हैंड हेल्ड रेडियो सेट वर्ष 1990 में मिले थे। उसके बाद समय-समय पर इनकी खरीद होती रही, लेकिन रेंज बढ़ाकर बेकार पड़े इन सेटों फिर से पुलिसिंग के लिए उपयोगी बना दिया गया है। थानों पर लगे स्टेटिक वायरलेस सेट की रेंज तीन किलोमीटर है और हैंड हैल्ड वायरलेस सेट की रेंज 1.5 किलोमीटर तक ही सीमित थी। इसमें से भी 50 प्रतिशत तक वाइस लास (आवाज गायब) होने की शिकायतें आती थीं।
पहले अपराध होने पर बीट सिपाही इन सेटों से केवल थानों को सूचना दे पाते थे। इसके बाद कंट्रोल रूम पर सूचना भेजी जाती थी। वहां से सभी पुलिस थानों में सूचना भेजी जाती थी। इसमें काफी समय लगता था और कई बार अपराधी भागने में कामयाब हो जाते थे। चूंकि यह सुरक्षित नेटवर्क के साथ जुड़ा है इसलिए अब 35 किलोमीटर की रेंज में इससे सीधी सूचना देकर अपराधियों को आसानी के साथ पकड़ा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इन सेटों की रेंज बढ़ाने के लिए करीब दो माह तक लखनऊ का सर्वेक्षण किया गया। लखनऊ में पहले केवल दो रिपीटर (सिग्नल बढ़ाने वाला यंत्र) लगे थे, इन्हें बढ़ाकर आठ किया गया है। साथ ही वायरलेस सेट की प्रोग्रामिंग में बदलाव कर 623 स्टैटिक और 1142 हैंड हेल्ड रेडियो सेट को अपग्रेड कर दिया गया है। महानगर से बंथरा थाने की दूरी 28 किलोमीटर है। पहले महानगर थाने से सीधे बंथरा थाने पर वायरलेस सेट के जरिए संपर्क नहीं किया जा सकता था। अब यह संभव हो गया है। लखनऊ के बाद मथुरा के लिए इन सेटों को अपग्रेड किया जाएगा। |