ख्वाजा आसिफ को फिर सता रहा भारत के हमले का डर (फाइल)
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। पांच महीने पहले ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों मुंह की खाने वाला पाकिस्तान अब भी इस अभियान से सहमा है। उसे इस बात का डर सता रहा है कि उस पर भारत फिर हमला कर सकता है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयान से इस डर का अंदाजा लगाया जा सकता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने कहा है कि भारत के साथ युद्ध का खतरा वास्तविक है। इसके साथ ही मुंगेरी लाल की तरह सपने देख रहे मंत्री ने यह दावा तक कर डाला कि भविष्य में अगर कोई सशस्त्र संघर्ष हुआ तो उनका देश ज्यादा बड़ी जीत हासिल करेगा।
भारत से सशस्त्र टकराव का खतरा- ख्वाजा आसिफ
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने मंगलवार को समा टीवी को दिए एक इंटरव्यू में यह टिप्पणी उस सवाल पर की, जिसमें उनसे भारतीय नेताओं और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के हालिया बयानों के बारे में पूछा गया था। ख्वाजा ने कहा कि सशस्त्र टकराव का खतरा है। पाकिस्तान चौकन्ना है और स्थिति पर नजर रख रहा है।
उन्होंने कहा, \“मैं तनाव बढ़ाना नहीं चाहता, लेकिन खतरा वास्तविक है। मैं इसे नकार नहीं रहा हूं। अगर युद्ध की स्थिति आती है तो अल्लाह की मर्जी से हम पहले से बेहतर परिणाम प्राप्त करेंगे।\“ ख्वाजा ने यह भी दावा कर दिया कि पाकिस्तान के पास अब छह महीने पहले की तुलना में अधिक समर्थक और सहयोगी हैं, जबकि भारत ने उन देशों का समर्थन भी खो दिया है जो मई से पहले उसके पक्ष में थे। हालांकि इस संदर्भ में उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया।
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले बाद भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और गुलाम जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को तबाह किया था।
ख्वाजा का इतिहास पर दिखा अल्पज्ञान
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का इंटरव्यू के दौरान अल्पज्ञान भी दिखा। उन्होंने दावा किया कि भारत मुगल शासक औरंगजेब के शासन के सिवाय कभी एकजुट नहीं रहा। जबकि अल्लाह के नाम पर बना पाकिस्तान मई में हुए संघर्ष के दौरान कई आंतरिक मुद्दों के बावजूद एकजुट रहा।
ख्वाजा का यह दावा सच से कोसों दूर है, क्योंकि ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने के बाद सात दशक से ज्यादा समय गुजर चुका है और भारत स्थिर व एकीकृत लोकतंत्र बना हुआ है। जबकि इसके उलट पाकिस्तान में कई बार सैन्य तख्तापलट हो चुका है और राजनीतिक रूप से अस्थिर है। जहां तक इतिहास की बात है तो 322 ईसा पूर्व से 185 ईसा पूर्व तक मौर्य साम्राज्य ने भारतीय उपमहाद्वीप के ज्यादातर भाग को एकीकृत किया था।
बाद में गुप्त वंश के समुद्रगुप्त और पुष्यभूति वंश के हर्षवर्धन ने भी प्राचीन भारत के बड़े हिस्से को राजनीतिक रूप से एकजुट किया था। जहां तक औरंगजेब के शासन की बात है तो उसके साम्राज्य का विस्तार लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप तक हो गया था, लेकिन इस दौरान अंतहीन युद्ध और विद्रोह भी हुए थे।
हाल ही में भारतीय सैन्य प्रमुखों ने चेताया था
हाल ही में सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को चेताया था कि अगर वह विश्व मानचित्र पर रहना चाहता है तो उसे आतंकवाद का समर्थन बंद करना होगा। गत शुक्रवार को वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने बताया था कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने अमेरिकी एफ-16 और चीन के जे-17 समेत पाकिस्तान के 12 विमान मार गिराए थे।
जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि सर क्रीक क्षेत्र में पाकिस्तान के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और ये इस कदर घातक होगा कि इतिहास और भूगोल, सब बदल जाएगा।
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