LHC0088 • 2025-10-8 23:24:32 • views 359
Chanakya Niti इन लोगों के कोई नहीं होता खुश।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य भारत के महान विद्वानों में से एक रहे हैं। उनके द्वारा लिखी गई चाणक्य नीति (Chanakya Niti) आज के समय में भी प्रासंगिक बनी हुई है और कई लोग इसमें बताई गई बातों को अपने जीवन में अपनाते हैं। जिससे उन्हें अच्छे परिणाम देखने को मिलते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में किस तरह के लोगों को एक बोझ के समान बताया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ये लोग हैं धरती पर बोझ
आचार्य चाणक्य का कहना है कि जो व्यक्ति पढ़ाई-लिखाई से जी चुराता है और विद्या ग्रहण नहीं करना चाहता, ऐसा व्यक्ति धरती पर बोझ के समान ही है। क्योंकि विद्या ही हमें एक अच्छा इंसान बनाने में सहायता करती है। ऐसे में जिस व्यक्ति के पास विद्या नहीं है, वह केवल पुरानी सोच पर जीता रहता है और नई सोच को नहीं अपना पाता।
(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
जरूर माने चाणक्य की ये सलाह
चाणक्य नीति कहती है कि जो व्यक्ति अपने द्वारा कमाए धन का कभी अच्छे कामों में इस्तेमाल नहीं करना और न ही कभी दान-पुण्य करता है। ऐसे व्यक्ति को भी आचार्य चाणक्य ने धरती पर बोझ बताया है। ऐसे में व्यक्ति को यह चाहिए कि वह अपने धन का सदुपयोग करे और जरूरतमंद लोगों को दान दे।
इन्हें कोई नहीं करता पसंद
जिस व्यक्ति का व्यवहार दूसरों से अच्छा नहीं है और जो हमेशा कटु वाणी बोलता है, ऐसे व्यक्ति को कोई पसंद नहीं करता और वह दूसरों की नजरों में खटकता है। जो व्यक्ति दूसरों से ईर्ष्या व घृणा का भाव रखता है ऐसा व्यक्ति भी किसी बोझ से कम नहीं है।
नहीं मिलती ईश्वर की कृपा
आचार्य चाणक्य अपने नीति शास्त्र में कहते हैं कि, जो व्यक्ति महिलाओं और बड़े-बुजुर्गों का सम्मान नहीं करता ऐसे व्यक्ति को भी कभी ईश्वर की कृपा नहीं मिलती। ऐसे व्यक्ति को भी आचार्य चाणक्य ने धरती पर बोझ ही बताया है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है। |
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