कांग्रेस ने वीर बाल दिवस नाम रखने पर जताया एतराज, आप व शिअद ने साधी चुपी (फोटो: जागरण)
इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मंगलवार को सदन ने गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबदजादों को याद किया और कहा कि उनके अद्वितीय बलिदान को देश-दुनिया में हमेशा याद किया जाएगा।
कांग्रेस के राणा गुरजीत सिंह ने साहिबजादों के शहीदी दिवस का नाम बदलकर वीर बाल दिवस करने पर एतराज जताया लेकिन शिरोमणि अकाली दल और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के सदस्य चुप रहे। राणा ने सिख इतिहास को बदलने की हो रही कोशिशों के खिलाफ प्रस्ताव लाने की बात की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने कहा कि इतिहास को बदला जा रहा है। छोटे साहिबजादों के शहीदी दिवस को वीर बाल दिवस कहा जा रहा है। वे बाल नहीं, हमारे बाबा हैं। इसी तरह बंदा सिंह बहादुर को बंदा बैरागी कहा जा रहा है। राणा गुरजीत ने कहा कि बैरागी वह पहले थे जब तक उन्होंने अमृतपान नहीं किया था।
आज उन्हें बैरागी कहना ठीक नहीं। राणा गुरजीत ने कहा कि सदन में यह प्रस्ताव पास होना चाहिए कि केंद्र सरकार सिखों के इतिहास को न बदले। इस दौरान भाजपा के कार्यकारी प्रधान और पठानकोट से विधायक अश्विनी शर्मा ने कहा कि आज देश भर की हर जुबान चाहे वह तामिल हो या मलायलम, उसमें साहिबजादों की कुर्बानी को याद किया जा रहा है और हम नाम पर ही अटके हुए हैं।
उन्होंने कहा कि इस नाम को रखने की सिफारिश किन लोगों ने की थी हम उसमें नहीं जाना चाहते। उन्होंने दो कविताएं बोलते हुए छोटे साहिबजादों को याद किया। कहा कि यह बलिदान देश को जोड़ने के लिए है।
हालांकि इस मौके पर कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने भाजपा विधायक अश्वनी शर्मा से जानना चाहा कि साहिबजादों के शहीदी दिवस की जगह इसका नाम बाल दिवस करने की सिफारिश किसने की थी तो उन्होंने कहा कि वह आज के इस पवित्र मौके पर कोई राजनीति नहीं करना चाहते। इंटरनेट मीडिया पर इस संबंधी बहुत कुछ पड़ा है, आप वहां से देख लीजिए।
इससे पहले स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने विशेष सत्र की शुरुआत श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों के बलिदान को नमन करते हुए की। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि जिस आयु में छोटे साहिबजादों ने बलिदान दिया उस आयु में तो बच्चों को पता नहीं तक नहीं होता।
आप के विधायक डॉ इंद्रबीर सिंह निज्जर ने कहा कि छोटे साहिबजादों को लालच दिया गया ,डराया गया सब कुछ किया गया, लेकिन उन्हें झुकाया नहीं जा सके। डॉ निज्जर ने कहा कि हमें इस मौके पर हमें छोटी छोटी बहसों से बचना चाहिए। |