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PGI ने इलाज से लेकर शोध तक बनाए कई रिकाॅर्ड, राष्ट्रीय कर्तव्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाई

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पीजीआई ने इलाज की गुणवत्ता, नई तकनीक और मरीजों के प्रति संवेदनशीलता को प्राथमिकता दी।



जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पीजीआई के लिए वर्ष 2025 कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। इस दौरान संस्थान ने मरीजों की रिकार्ड संख्या को इलाज दिया, बड़े स्तर पर शोध कार्य किए और राष्ट्रीय संकटों के समय देश की सेवा में अग्रणी भूमिका निभाई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

पीजीआई के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने कहा कि बीता वर्ष संस्थान की कार्यक्षमता और समर्पण का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि लाखों मरीजों के दबाव के बावजूद पीजीआई ने इलाज की गुणवत्ता, नई तकनीक और मरीजों के प्रति संवेदनशीलता को हमेशा प्राथमिकता दी।

पीजीआई ने राष्ट्रीय कर्तव्यों में सक्रिय भूमिका निभाई। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीड़ितों की स्मृति में रक्तदान शिविर लगाए गए। आपरेशन सिंदूर के दौरान डाॅक्टरों की टीमों को सीधे घटनास्थल पर भेजा गया।
मरीजों की संख्या में नया रिकाॅर्ड

  

2025 में पीजीआई के ओपीडी में करीब 27 लाख मरीज इलाज के लिए पहुंचे। वहीं, एक लाख से अधिक मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज दिया गया। इन आंकड़ों के साथ पीजीआई देश के सबसे व्यस्त सरकारी अस्पतालों में शामिल रहा।
आयुष्मान भारत योजना से गरीबों को राहत

  

आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पीजीआइ ने वर्ष 2025 में 51,609 मरीजों का मुफ्त इलाज किया। यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में करीब 20 प्रतिशत अधिक रही। अब तक योजना के तहत करीब 1.88 लाख मरीजों को लाभ मिल चुका है।
किडनी ट्रांसप्लांट में देश के अग्रणी संस्थानों में पीजीआई

पीजीआई में अब तक 5,400 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं। वर्ष 2025 में ही 248 मरीजों को नया जीवन मिला। बेहतर व्यवस्था के चलते किडनी ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा अवधि भी घटकर तीन महीने रह गई है।
गरीब मरीजों को सरकारी योजनाओं से सीधी मदद

वर्ष 2024-25 में पीजीआई ने विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत 26.76 करोड़ रुपये की सहायता गरीब मरीजों को दिलाई। गरीब मरीज कल्याण कोष से 6,681 मरीजों को इलाज के लिए मदद दी गई।
सस्ती दवाओं से मिली बड़ी राहत

  

पीजीआई में देश की सबसे अधिक 11 अमृत फार्मेसी संचालित हो रही हैं, जहां मरीजों को सस्ती दरों पर दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके अलावा जन औषधि केंद्रों से भी मरीजों को कम कीमत पर दवाएं मिल रही हैं।
सारथी योजना बनी मरीजों का सहारा

पीजीआई की सारथी योजना के तहत स्वयंसेवक मरीजों और उनके परिजनों की मदद करते हैं। अब तक इस पहल से 20 लाख से अधिक मरीजों को फायदा मिला है। यह माडल अब देश के कई राज्यों में अपनाया जा चुका है।
रैंकिंग और पुरस्कारों में लगातार आगे

पीजीआई को एनआईआरएफ 2025 में लगातार आठवीं बार देश में दूसरा स्थान मिला। इसके अलावा संस्थान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 40 से अधिक पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए।
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