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Paush Poornima 2026: साल की पहली पूर्णिमा, ये 6 चीजें दान करने से बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा

LHC0088 2025-12-30 21:28:02 views 593
  

पूर्णिमा पर दान करें ये चीजें (Image Source: AI-Generated)



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। साल की पहली पूर्णिमा, जिसे आमतौर पर पौष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह दिन दान-पुण्य, स्नान और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए दान और पुण्य कर्मों का फल कई गुना होकर मिलता है, ऐसी मान्यता है। आइए जानते हैं साल की पहली पूर्णिमा पर किन चीजों का दान करना चाहिए और इसका क्या महत्व है: विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पौष पूर्णिमा का महत्व

पौष माह हिंदू कैलेंडर का दसवां महीना होता है और इसकी पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा कहते हैं। यह दिन आध्यात्मिक उन्नति, मन की शांति और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही, सूर्य और चंद्रमा दोनों की उपासना इस दिन विशेष फलदायी होती है।
साल की पहली पूर्णिमा पर दान करने योग्य वस्तुएं:

अन्न (अनाज)-

दान: चावल, गेहूं, दालें या अन्य कोई भी अनाज।

महत्व: अन्न दान को महादान माना जाता है। इससे घर में अन्न-धन की कमी नहीं होती और देवी अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं। यह दान दरिद्रता दूर करता है और परिवार में खुशहाली लाता है।

  

वस्त्र (कपड़े)-

दान: गरीब और जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े, कंबल या कोई भी नए वस्त्र।

महत्व: वस्त्र दान से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और उसे मान-सम्मान मिलता है। यह दान शीतकालीन पूर्णिमा पर विशेष रूप से पुण्यदायी होता है।

तिल और गुड़-

दान: काले तिल और गुड़ का दान।

महत्व: यह दान शनिदेव और सूर्यदेव को प्रसन्न करता है। तिल दान से शनि दोष दूर होते हैं और गुड़ दान से मंगल कार्यों में सफलता मिलती है।

घी और मिठाई-

दान: शुद्ध देसी घी और मीठी वस्तुएं (जैसे लड्डू, बर्फी)।

महत्व: घी और मिठाई का दान करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। यह दान घर में धन-वैभव लाता है और रिश्तों में मिठास बढ़ाता है।

गौ दान (या गाय से संबंधित वस्तुएं)-

दान: गाय को चारा खिलाना, या गाय से संबंधित चीजें जैसे दूध, दही का दान करना।

महत्व: गौ सेवा और गौ दान को शास्त्रों में सबसे बड़ा पुण्य माना गया है। इससे सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को मनोवांछित फल मिलता है।

धन-

दान: अपनी सामर्थ्य अनुसार किसी मंदिर में, ब्राह्मण को या जरूरतमंद को धन का दान।

महत्व: धन दान से आर्थिक समस्याओं का निवारण होता है और व्यापार-व्यवसाय में उन्नति मिलती है।
दान करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:

दान हमेशा अपनी सामर्थ्य अनुसार ही करना चाहिए। सच्चे मन और श्रद्धा भाव से दान करना अच्छा माना जाता है। साथ ही, जरूरतमंद व्यक्ति को ही दान दें, ताकि उसका सदुपयोग हो। दान करते समय मन में किसी प्रकार का अहंकार नहीं होना चाहिए।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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