मजदूरी के लिए तस्करी कर लाए बांग्लादेशी नाबालिग को वापस उसके देश भेजा (प्रतीकात्मक फोटो)
राज्य ब्यूरो, जम्मू। समाज कल्याण विभाग के तहत मिशन वात्सल्य ने एक 16 साल के बांग्लादेशी नाबालिग को वापस उसके देश भेजने में मदद की है। इस बच्चे को बाल मजदूरी के लिए कश्मीर में तस्करी करके लाया गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह ऐतिहासिक मामला 2018 में मिशन वात्सल्य की स्थापना के बाद से किया गया पहला ऐसा क्रास-बार्डर मामला है। इस नाबालिग को कुछ अनजान लोग कोलकाता सीमा के रास्ते गैर कानूनी तरीके से श्रीनगर लाए थे और उससे जबरन बाल मजदूरी करवाई जा रही थी।
बच्चे ने हिम्मत दिखाई और वहां से भागकर बडगाम पहुंच गया जहां स्थानीय पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला। पुलिस ने 19 नवंबर 2023 को जुवेनाइल जस्टिस (बच्चों की देखभाल और सुरक्षा) एक्ट 2015 की धारा 31 के तहत बच्चे को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी बडगाम के सामने पेश किया।
पूरी जांच पड़ताल के बाद बडगाम पुलिस ने बच्चे की सुरक्षा़ रहने की जगह और भलाई सुनिश्चित करने के लिए उसे एक बच्चों की देखभाल करने वाले संस्थान में रखने का आदेश दिया और उसके बैकग्राउंड की विस्तार में जांच शुरू की।
इसके बाद यह मामला जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के मिशन वात्सल्य निदेशालय के सामने उठाया गया। मिशन वात्सल्य के निदेशक नाजिम जई खान ने संबंधित अधिकारियों को वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया और खुद कार्यवाही की निगरानी की।
25 दिसंबर को बडगाम के जिला बाल सुरक्षा इकाइ के अधिकारियों ने बडगाम पुलिस स्टेशन से पुलिस एस्कार्ट के साथ नाबालिग को औपचारिक रूप से वापस भेजा और उसे बांग्लादेश में उसके परिवार से सुरक्षित मिला दिया गया।
विभाग की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराते हुए मिशन वात्सल्य के निदेशक ने कहा कि विभाग हर बच्चे के अधिकारों, कल्याण और सर्वोत्तम हितों की रक्षा के लिए समर्पित है। उन्होंने जुवेनाइल जस्टिस अधिनियम 2015 में बताए गए सिद्धांतों को प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया।
जुवेनाइल जस्टिस सिस्टम में हर बच्चे को जल्द से जल्द अपने परिवार के साथ फिर से मिलने और अपनी मूल सामाजिक.आर्थिक और सांस्कृतिक स्थिति में वापस लौटने का अधिकार है। |