राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। यह समिति समस्या के समाधान के लिए सरकार को स्वतंत्र सुझाव, नवाचारी विचार और व्यावहारिक समाधान उपलब्ध कराएगी। सरकार का मानना है कि विशेषज्ञों की भागीदारी से प्रदूषण नियंत्रण के उपाय अधिक प्रभावी और व्यावहारिक बन सकेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विशेषज्ञ समिति में कुल 11 सदस्य शामिल हैं। इसमें पर्यावरण एवं वन विभागों के सचिव वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के प्रतिनिधि, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष, आइआइटी कानपुर और आइआइटी दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञ को भी शामिल किया गया है।
प्रदूषण से जुड़े निर्णयों के त्वरित क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए वायु प्रदूषण नियंत्रण कार्यान्वयन समिति (आइसीसीएपी) का भी गठन किया गया है। इसका उद्देश्य विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों और सरकारी योजनाओं को समयबद्ध तरीके से जमीनी स्तर पर लागू करना है।
मुख्य सचिव, दिल्ली नगर निगम के आयुक्त, दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, एनडीएमसी अध्यक्ष, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, विशेष पुलिस आयुक्त (यातायात) सहित 16 वरिष्ठ अधिकारी इस समिति के सदस्य हैं।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए नवाचार को बढ़ावा, धूल और ठोस कचरे के वैज्ञानिक प्रबंधन, प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई, वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में कमी लाने तथा दिल्ली को अधिक हरा-भरा बनाने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं पर विशेष जोर दिया जाएगा। वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
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