तेजस्वी यादव व राहुल गांधी। जागरण आर्काइव
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Politics: बिहार विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता रह चुके सीनियर लीडर शकील अहमद खान ने महागठबंधन को लेकर बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने कहा है कि बिहार में महगठबंधन बचा नहीं है। कांग्रेस को राजद के साथ रहने का न तो कोई चुनावी फायदा है और न संगठनात्मक। उल्टे कांग्रेस को इससे नुकसान ही हो रहा है। मीडिया से बातचीत में कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार चुनाव के बाद विश्लेषणात्मक अध्ययन के लिए दिल्ली में मंथन हुआ। उसमें मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी समेत तमाम सीनियर नेता थे। उसमें बिहार में चुनाव लड़ने वाले सभी 60 कैंडिडेट और वरिष्ठ नेताओं की राय यह बनी कि जिस काम से लाभ नहीं है। जिस एलायंस से लाभ नहीं है। उसे छोड़ देना चाहिए। अलग राह बनानी चाहिए। हालांकि यह आसानी से नहीं बनेगा। इसके लिए संघर्ष करना होगा। क्योंकि कांग्रेस की न तो सीटों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। वोट के आधार में भी बढ़ोतरी नहीं हो रही। वोट देने वाले की संख्या हमारे पक्ष में कम होती जा रही है। शीर्ष नेतृत्व राज्य इकाई की बात सुनता है। हम अपनी राह बनाएंगे।
तेजस्वी यादव को देनी चाहिए थी प्राथमिकता उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की भूमिका पर भी सवाल उठा दिया। उनकी विदेश यात्रा पर शकील अहमद खान ने कहा कि जनता को उनसे एक मजबूत नेता प्रतिपक्ष की उम्मीद है कि वे सरकार को हर मुद्दे पर घेरें और जनता की आवाज बने। लेकिन उनकी भूमिका में कमी देखी जा रही है। वर्तमान में राज्य बेरोजगारी, शिक्षा, कानून व्यवस्था जैसे गंभीर मुद्दों से जूझ रहा है। ऐसे समय में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है। ऐसे में तेजस्वी यादव को पहले अपनी इन जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देना चाहिए था। लेकिन विपक्ष कमजोर भूमिका में है। इसका सीधा फायदा सत्ताधारी दलों को मिल रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें |