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Explained: दशकों बाद सोना-चांदी और तांबे में एक साथ बड़ी तेजी, क्यों बढ़े भाव, 2026 में भी रहेगी डिमांड?

Chikheang 2 hour(s) ago views 791
  



नई दिल्ली। शेयर बाजार से ज्यादा तेजी कमोडिटी मार्केट में दिखाई दे रही है, क्योंकि सोना, चांदी और तांबे की कीमतें (Gold-Silver and Copper Prices) एक साथ तेजी से बढ़ रही हैं। इन तीनों धातुओं में एक साथ आई तेजी से कमोडिटी मार्केट के साथ-साथ शेयर बाजार में लिस्टेड मेटल शेयरों में भी भारी बढ़त देखने को मिल रही है। हिंदुस्तान कॉपर (Hind Copper Shares) का शेयर एक महीने में 60 फीसदी से ज्यादा चढ़ गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

सोना, चांदी और तांबा में एक साथ तेजी एक दुर्लभ संयोग है, क्योंकि ये तीनों धातु दशकों बाद सबसे मज़बूत सालाना बढ़त दिखा रही हैं। सोना इस साल 70% से ज़्यादा, चांदी 140% से अधिक, और तांबा लगभग 36% चढ़ा है। खास बात है कि 2009 के बाद कॉपर की कीमतों में यह सबसे बड़ी सालाना बढ़ोतरी है। सोने में तेजी जारी तेजी से हर कोई वाकिफ है लेकिन क्या आप जानते हैं चांदी और तांबे में यह तेजी क्यों आ रही है?
सोना-चांदी और तांबे में तेजी क्यों आई?

गोल्ड, सिल्वर और कॉपर की कीमतों में बढ़ोतरी कुछ खास वजह से आ रही है, जिसके चलते निवेशक मेटल्स की ओर भाग रहे हैं। इनमें 3 बड़े कारण- महंगाई का खतरा, ब्याज दरों में नरमी और जियोपॉलिटिकल अनिश्चितता शामिल हैं। इसके अलावा, सिल्वर और कॉपर के इंडस्ट्रियल यूज व कम होती सप्लाई से भी चांदी व तांबे की कीमतें बढ़ रही हैं। दरअसल, दरअसल, सिल्वर और कॉपर का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक गाड़ियों, रिन्यूएबल एनर्जी और ग्रिड विस्तार से जुड़े इंडस्ट्रियल यूज में होता है।

इन धातुओं में तेजी की एक और वजह यह है कि अमेरिकी डॉलर सालों में सबसे तेज़ गति से कमज़ोर हो रहा है, जिससे दुनिया भर में कमोडिटी की कीमतें बढ़ रही हैं। सेंट्रल बैंक डॉलर रिज़र्व पर निर्भरता कम करने के लिए तेज़ी से गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे हैं।
इंडस्ट्रियल यूज में कहां इस्तेमाल होती है चांदी?

2025 में चांदी की कीमतें 140% से ज़्यादा ऊपर चली गई हैं। इसकी दो वजह हैं एक निवेश के लिहाज से तो दूसरी इंडस्ट्रियल यूज के नजरिए से। दरअसल, सोलर पैनल बनाने, इलेक्ट्रिक गाड़ियों और डेटा सेंटर में इस्तेमाल की वजह से सिल्वर की डिमांड में ज़बरदस्त बढ़ोतरी हुई है। हर नया एनर्जी या AI प्रोजेक्ट चांदी का इस्तेमाल परमानेंट रूप से करता है, जिससे सप्लाई कम हो रही है।
इंडस्ट्रियल यूज में कहां इस्तेमाल होता है तांबा?

सिल्वर की तरह कॉपर का यूज भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डेटा सेंटर और पावर ग्रिड के विस्तार में होता है। एक इलेक्ट्रिक कार पारंपरिक पेट्रोल कार के मुकाबले चार गुना ज़्यादा कॉपर इस्तेमाल कर सकती है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैस के अनुसार, 2030 तक ग्रिड विस्तार और पावर इंफ्रास्ट्रक्चर कॉपर की डिमांड में 60% से ज़्यादा की बढ़ोतरी कर सकते हैं।
क्या सोना, चांदी और तांबे की कीमतें बढ़ती रहेंगी?

2025 में जबरदस्त रिटर्न देने के बाद कमोडिटी मार्केट एनालिस्ट्स को उम्मीद है कि साल 2026 में भी सोने, चांदी और तांबे की कीमतें ऊंची बनी रहेंगी, जिसमें ब्याज दरों, ग्लोबल ग्रोथ और सप्लाई की कमी के कारण उतार-चढ़ाव आएगा। पूर्वानुमानों से पता चलता है कि मेटल्स की रैली मोमेंटम-ड्रिवन उछाल से हटकर स्ट्रक्चरली सपोर्टेड साइकिल की ओर बढ़ रही है।
2026 में चांदी का टारगेट प्राइस

सप्लाई में कमी और इंडस्ट्रियल डिमांड के कारण चांदी की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी की संभावना है। एनालिस्ट $68–$78 प्रति औंस की औसत रेंज का अनुमान लगा रहे हैं।
2026 में कॉपर का टारगेट प्राइस

मार्केट एक्सपर्ट की नजरों में कॉपर का आउटलुक भी बुलिश बना हुआ है। आम अनुमानों के मुताबिक कॉपर की कीमत $5.40 से $6.10 प्रति पाउंड के बीच रहेगी, जिसमें ग्रिड विस्तार और AI इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कुछ अपसाइड सिनेरियो भी शामिल हैं।
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